बंद हो गये एक झटके में 11 हजार बैंक, डूब गये लोगों के पैसे

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का 2 अप्रैल का ऐलान दुनियाभर के लिये नयी मुसीबत लेकर आया है। ट्रम्प ने 180 से अधिक देशों पर ताबड़तोड़ रियायती रेसिप्रोकल टैरिफ लगा दिया है। इससे सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि एशियाई बाजारों से लेकर यूरोपीय बाजारों तक में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। दुनिया भर के शेयर बाजारों में त्राहिमाम की स्थिति बनी हुई है। ऐसा कहा जाने लगा है कि दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ रही हे। इस वातावरण में लोगों को 1929 की महामंदी का खौफ सताने लगा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ बम से उस ब्लैक टयूज्डे यानी अशुभ मंगल की याद आ गयी है। जिसने पूरी दुनिया में तबाही मचा दी थी। हम आपको बतायेंगे कि आखिर 96 वर्ष पूर्व उस मंगलवार को क्या हुआ था। जिसकी आहट भर से हलचल मच जाती है। जिसे लेकर आज भी दुनियाभर के दिग्गज व्यापारी और आर्थिक विश्लेषक शेयर बाजार पर चेताते रहते हैं।
बैड टेस्ट से पहले का फीलगुड
अगर हममें से अधिकांश लोगों से पूछा जाये कि मस्ती, रईसी और खुशहाली वाली जिन्दगी जीने के लिये दुनिया में कहां जाया जा सकता है तो सबके मन में अमेरिकन ड्रीम फट से झलक दिखला जायेगा। अमेरिका यानी दुनिया के अंकल सैम की रईसी की यह कहानी कोई नयी नहीं है। आज से लगभग एक शताब्दी पहले यानी साल 1928 के पतझड़ में अमेरिका के भावी राष्ट्रपति हर्बर्ट हूवर ने घोषणा की-हम आज अमेरिका में इतिहास में पहली बार गरीबी पर अंतिम विजय के काफी करीब है। अधिकांश अमेरिका नागरिक उनसे सहमत थे। लोगों ने इससे अच्छी जिन्दगी को इसस ेपहले कभी नहीं जिया था। बेरोजगारी दर केवल 4प्रतिशत तक थी यानी हर 100 में 96 लोगों के पास कमाई का जरिया था।