दादा के दिवाने हुये अतिथि शिक्षक

उच्च शिक्षा विभाग के कायाकल्प में लगे दादा के दिवानों में अब अतिथि शिक्षकों का नाम भी जुड़ गया है। अतिथि शिक्षकों के दिवानगी की हइ कदर दादा देखी जा सकती है कि वह उनको धन्यवाद कहते कहते थक नहीं रहे हैं। यहां बता दें कि विगत रोज केबिनेट की मीटिंग में अतिथि शिक्षकों का शिक्षा विभाग में संविलियन कर दिया गया है। इस फैसले के बाद तीन साल तक अतिथि शिक्षकों का सैलेरी 30 हजार फिक्स हो गई है। अतिथि शिक्षक इसके लिए लंबे समय से आंदोलनरत थे। आंदोलन के दौरान उन्होंने दादा से मुलाकात भी की थी और उनके हित में फैसला सरकार से कराने का आग्रह किया था।
दादा ने भी उन्हें जल्द ही खुशखबरी देने का वायदा किया था। जिसके बाद अब सरकार की सौगात मिलते ही अतिथि शिक्षक दादा के कायल हो गये है और एक प्रतिनिधि मंडल ने दादा से मुलाकात कर उनका आभार जता धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान अतिथि शिक्षक दादा की तारीफों के कसीदे पढ़ते पढ़ते थक नहीं रहे थे।