उच्चशिक्षा मंत्री जीवाजी विश्वविद्यालय के वर्मी कमपोस्ट की तारीफ, अटल जी द्वारा उद्घाटित भवन देखकर बोले आगे ऐसे भवन बने जिसमें बिना बिजली के उजाला हो
ग्वालियर. प्रदेश के उच्चशिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार ने रविवार की सुबह आयुर्वेदिक कॉलेज में प्रबंधन ली नये छात्रावास बनाने के लिये स्वीकृति दी। इसके बाद जीवाजी विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस पहुंचकार बंद कमरे में कुलपति से चर्चा करने के बाद जीवाजी विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने स्वागत किया।
इस बीच उच्च शिक्षा मंत्री ने सरस्वती प्रतिमा पर पहुंचकर पूर्जा अर्चना करने के बाद भ्रमण कार्यक्रम शुरू किया। इस मौके पर बोले एमपी में शिक्षा स्तर और बेहतर होना चाहिये। एक सवाल के जवाब में बोले प्रोफेसरों और कर्मचारियों खाली पदों को भरने के लिये एक साल के अंदर समय लगेगा। इस आने वाले समय में बदलाव दिखेगा। राष्ट्रीय नीति के परिपेक्ष्य में एमपी अन्य राज्यों की अपेक्षा अग्रणी है। भारत के ज्ञान-विज्ञान को भारत के शौये और पराक्रम को पाठ्यक्रमों में शामिल किया जा रहा है। एमपी में शिक्षास्तर अच्छे से अच्छे राज्यों के बराबर पर पहुंच चुका है। इस मौके पर कुलगुरू प्रो. अविनाश तिवारी, कुलसचिव अरूण चौहान, कर्मचारी नेता राकेश गुर्जर और विभागाध्यक्ष साथ थे।
विश्वविद्यालय में भर्ती प्रकिया निरतंर जारी
उच्च शिक्षा मंत्री परमार ने का है कि विश्वविद्यालय में स्टाफ की भर्ती की प्रक्रिया निरंतर जारी है। नयी नियुक्तियां भी हो रही है, विश्वविद्यालय को नियुक्तियों के अधिकार दे दिये गये है। एक साल के भीतर विश्वविद्यालय में जितने भी रिक्त पद हैं उनको भरने के निर्देश दिये गये हैं। बीएड कॉलेज की फर्जीवाड़ा को लेकर कहा विश्वविद्यालय अपने स्तर पर उनके खिलाफ कार्यवाही करेगा और अन्य एजेंसियां भी इसमें अलग से कार्यवाही करेगी।
वर्मी कमपोस्ट की तारीफ
उच्चशिक्षा मंत्री वर्मी कमपोस्ट देखने के लिये पहुंचे तो विश्वविद्यालय के प्रयास की तारीफ की इस विधि अन्य विश्वविद्य़ालयों से शेयर करें जिससे यह विधि आगे बढ़ सके। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा किये गये पर्यावरण विभाग की तारीफ करते हुए कहा बिना बिजली के अंदर उजेला है। इसी तरह के भवन बनना चाहिये।
बहुत पुराना है जीवाजी विश्वविद्यालय
उच्चशिक्षा मंत्री ने कहा हैकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिपेक्ष्य में जो विश्वविद्यालय हैं उन्हें परस्मर काम करना है इसमें साइंस, कॉमर्स, आर्ट और सभी संकाय है। उनके जो आवश्यकता है वह विद्यार्थियों की पूर्ति करना है। ग्वालियर जीवाजी विश्वविद्यालय काफी पुराना विश्वविद्यालय है। यहां सभी संसाधन उपलब्ध है। आने वाले समय मे ंहम सभी विश्वविद्यालयों को आपस में जोडेेंगे। नॉलेज शेयरिंग का प्रोग्राम भी शुरू करेंगे। इसमें शासकीय और निजी विश्वविद्यालयों को जोडेंगे।