खूब सिंह खंगार को याद कर श्रद्धासुमन अर्पित किये
ग्वालियर। देश धर्म जाति और स्वाभिमान की रक्षा में खंगार यौद्धाओं को एक झंडे केसरिया के नीचे एकत्र कर विदेशी आक्रान्ताओं को परास्त कर क्षेत्र को संपत्ति समृद्धि और गरिमा प्रदान करने वाले तेरहवी सदी के उत्तरार्थ में गढकुण्डार जुझौति के शासक रहे महाराज खूब सिंह खंगार की जयंती ज्येष्ठ शुक्ल गंगादषमी को सितार वाली बगिया में खंगार युवा संगठन ग्वालियर के द्वारा मनाई गई।
इस अवसर पर खंगार बंश की कुलदेवी गजानन माता गंगा मैया को पुष्पांजलि अर्पित कर खूब सिंह खंगार को श्रद्धासुमन अर्पित किये गये। प्रदेश महासचिव रमेश सिंह बिल्हेटी ने खूब सिंह खंगार के जीवन परिचय पर प्रकाष डालते हुये कहा कि उनका जन्म गढकुण्डार के शासक छात्रसाल सिंह खंगार के यहां ज्येष्ठ शुक्ल दशमी 1241 ई. को हुआ था। बचपन से ही खूब सिंह शक्ति के उपासक रहे थे। अपने शासन काल में खूब सिंह खंगार ने गढकुण्डार में सिंह वाहिनी देवी का मंदिर बनवाया सैनिक शक्ति को मजबूत करने के लिये रक्षक एवं स्वपीडित पद्धति का चलन कराया। जनता को धर्म के प्रति आस्थावान बनाने के लिये गांव गांव में माता के चबूतरों का निर्माण कराया।
देश धर्म जाति और स्वाभिमान की रक्षा करते हुये यह राण बांकुरा 28 फरवरी सन 1313 ई. को इस दुनिया से विदा हुआ। प्रदेश युवा उपाध्यक्ष सुजान सिंह ने युवाओं को शिक्षित, संस्कारित संगठित होकर समाज के विकास में सहयोग करने का आव्हान किया। कार्यक्रम में रमेश सिंह बिल्हैटी प्रदेश महासचिव, सुजान सिंह परिहार प्रदेश युवा उपाध्यक्ष, हाकिम सिंह परिहार ग्रामीण जिलाध्यक्ष, राजू खंगर, विनोद, विजय, सुदीप जगदीश, दीवान सिंह, मुरारी सिंह आदि उपस्थित थे।