11 बजे पटना पहुंचेगा शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर

नई दिल्‍ली. बिहार की स्वर कोकिला और लोकगायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार की रात को निधन हो गया. दिल्ली के एम्स अस्पताल में उन्होंने रात के 9 बजकर 20 मिनट पर आखिरी सांस ली. शारदा सिन्हा लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थीं. हाल ही में उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां कुछ दिनों के इलाज के बाद उनकी स्थिति बेहतर हो गई थी. इसके चलते प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. हालांकि सोमवार की रात को उनकी तबीयत अचानक फिर खराब हो गई. इसके चलते उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. बताया गया था कि शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो गया था. एम्स के चिकित्सक लगातार कोशिश करते रहे. शारदा सिन्हा के निधन से देशभर में शोक की लहर है. शारदा सिन्हा को छठ और लोक गीतों के लिए जाना जाता है. शारदा सिन्हा को पद्म भूषण और पद्म विभूषण भी मिल चुका है. शारदा सिन्हा के निधन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार ने भी ट्वीट किया है.

शारदा सिन्‍हा की अचानक फिर से तबीयत बिगड़ी तो उन्‍हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. हालांकि, उनकी जान नहीं बचाई जा सकी. कुछ दिनों पहले ही उनके बेटे अंशुमन सिन्‍हा ने बताया था कि शारदा सिन्‍हा ठीक से बोल नहीं पा रही हैं. लोगों को पहचान ले रहीं, लेकिन बात करने में उन्‍हें परेशानी हो रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शारदा सिन्‍हा के निधन पर शोक जताया है. उन्‍होंने X पर पोस्‍ट कर लिखा, ‘प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है. उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं. आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी. उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है. शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति!’