ये तो बस शुरुआत है! उत्‍तर भारत पर मंडरा रहा बड़ा खतरा, हर तरफ छा जाएगा स्‍मॉग, रिसर्च में खुलासा

Air Pollution Latest News: अक्‍टूबर-नवंबर में सर्दियों की दस्‍तक के साथ भयंकर प्रदूषण तो हम पिछले एक दशक में लगातार देखते ही आ रहे हैं . अब इस प्रदूषण के साथ ही उत्‍तर भारत पर बड़ा खतरा भी मंडराने लगा है . अमेरिकी स्‍टडी में यह दावा किया जा रहा है कुछ दशकों में बढ़ते प्रदूषण ने मौसम संबंधी कारकों को बढ़ा दिया है. अगर ये ऐसे ही जारी रहा तो ये आने वाले समय में धुंध को और ज्‍यादा भीषण बना सकता है. अगर ऐसा होता है तो आने वाले समय में ये परेशानी का सबक बन सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ते प्रदूषण के साथ-साथ मौसम का यह मौजूदा चक्र दिल्ली और सिंधु-गंगा के मैदानी क्षेत्र के हिस्सों में बेहद भयंकर धुंध में योगदान दे रहा है.

रिसर्च में बताया गया कि कालिख, ब्लैक कार्बन और अन्य प्रकार के एरोसोल प्रदूषण सर्दियों में अक्सर देखे जाने वाले तापमान को उलटने में अपने प्रभाव को बढ़ा रहे हैं . बताया गया कि इस चक्र के कारण वायुमंडल के ऊपरी हिस्‍से में मौजूद गर्म हवा नीचे की सतह पर ठंडी हवा को फंसा देती है. इस वजह से प्रदूषण फैलने से रुक जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि ये एरोसोल निचले ट्रोपोस्फीयर यानी क्षोभमंडल (वायुमंडल के सबसे निचले हिस्से)  पर गर्म प्रभाव डालते हैं . ये नीचे की सतह पर हवा को ठंडा करते हैं.

लगातार गिर रही है विजिबिल्‍टी
टाइम्‍स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक नासा की रिसर्च को लीड करने वाले अमेरिका में एनवायरनमेंट डिफेंस फंड (EDF) के वरिष्ठ शोधकर्ता रितेश गौतम ने कहा कि एरोसोल प्रदूषण निचले ट्रोपोस्फीयर की स्थिरता को बढ़ाता है और तापमान को उलटा करने में बढ़ावा देता है. गौतम ने कहा, “यह प्रभाव हर दशक में मजबूत होता दिख रहा है. अध्ययन में पाया गया कि 1980 के बाद से नवंबर के दौरान 500 मीटर से कम विजिबिल्‍टी वाले दिनों की संख्या में नौ गुना बढ़ोतरी हुई है. दिसंबर-जनवरी में ऐसे दिनों में पांच गुना वृद्धि हुई.

2002 से 90% बढ़ा प्रदूषण
ईडीएफ एक अमेरिकी पर्यावरण संगठन है. यह जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, और विलुप्‍त हो रहे वन्यजीवों जैसे मुद्दों पर काम करता है. ईडीएफ के रिसर्चर्स ने भारत के गंगा के मैदान पर प्रदूषण और वायुमंडल की परस्पर क्रिया को समझने के लिए चार दशकों के डेटा को देखा . इस दौरा उन्होंने पाया कि नवंबर में एरोसोल प्रदूषण 2002 और 2019 के बीच लगभग 90% बढ़ गया है.