वंदे भारत एक्स्रप्रेस अब शताब्दी और राजधानी से लम्बी होंगी
नई दिल्ली. प्रीमियम ट्रेनों की बात करें तो देश में पहले राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस का नाम लग्जरी ट्रेनों आता था। लेकिन जगह वन्दे भारत एक्सप्रेस लेनें जा रही है। राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस में सबसे लम्बी कोच वाली ट्रेन वन्दे भारत एक्सप्रेस होगी । मोदी सरकार ने सेमी हाईस्पीड ट्रेन के रूप में वंदे भारत के ऑपरेशन की शुरूआत की है। अभी तक वंदे भारत या जाक 16 कोच की होती थी, फिर 8 कोच की है। लेकिन अब रेल मंत्रालय ने 24 डिब्बे वाली वंदे भारत बनवाने का फैसला किया है। जी हां, यदि ऐसी ट्रेन बनी तो यह प्रीमियम ट्रेनों में सबसे लम्बी ट्रेन बन जायेगी। अीाी तक इस श्रेणी में सबसे लम्बी ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस है। इस ट्रेन में अधिकतम 22 कोच जोड़े जाते है।
भारतीय रेल ने अपने 35 हजार करोड़ रूपये की वंदे भारत सेमी हाईस्पीड ट्रेन टेंडर को संशोधित किया है। रेलवे ने पहले 120 ट्रेन सेट के सप्लाई का ऑर्डर दिया था। इन हर ट्रेन सेट में 16 कोच होने थे। अब जो नयी योजना तैयार की गयी है। उसमें सप्लायर को 80 ट्रेन सेट की सप्लाई करनी है। हर ट्रेन सेट में 24 कोच या डिब्बे होंगे। इस ट्रेन में पेंट्री कार (च्ंदजतल ब्ंत) भी होंगे।
अनुमान है कि 24 कोच के हर ट्रेन सेट की कीमत करीब 120 करोड़ रूपये होंगे। इसका निर्माण महाराष्ट्र के लातूर में होगा। वहां रेल मंत्रालय की कंपनी रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) और रूसी कंपतिनयों के कंसोटियम का एक संयुक्त उपक्रम लग रहा है। अनुमान है कि इसी साल नवम्बर तक यह मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट बन कर तैयार हो जायेगा।
इस ट्रेन को बनाने में पहला पार्टनर तो रेल मंत्रालय की कंपनी आरवीएनएल है। इसके साथ रूसी इंजीनियरिंग कंपनी मेट्रोवागोनमैश और लोकोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम शामिल है। यही दोनों कंपनियां मिल कर महाराष्ट्र के लातूर में ट्रेनों का प्रॉडक्शन करेंगे।