राजमाता विजयाराजे सिंधिया एयरपोर्ट पर 10 माह में तीसरा हादसा, 60 फीट की ऊंचाई से गिरने से मजदूर की मौत

ग्वालियर. राजमाता विजयाराजे सिंधिया एयरपोर्ट की नयी बिल्डिंग में बुधवार की सुबह 10.45 बजे जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से मजदूर विनोद पाल 35, की मौत हो गयी है। जिम्मेदारों ने स्ट्रक्चर की मजबूती के लिये वेल्डिंग करने उसे 60 फीट की ऊंचाई पर बिना क्रेन और सेफ्टी के छत के रास्ते पर चढ़ा दिया। वह स्ट्रक्चरण के ऊपर चल रहा था। तभी सीलिंग पर लगी आयरन सीट पर से उसका पैर चला गया और एराइवल लॉबी के सामने आ गिरा। उसका सिर फट गया। विनोद कुशीनगर यूपी का निवाी है। उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया।
ळादसे के बाद केपीएसी प्रोजेक्ट लिमिटेड के जिम्मेदार अधिकारी गायब हो गये। प्रोजेक्ट हेड निखिल को कॉल किया। लेकिन उसने जवाब नहीं दिया। एयरपोर्ट प्रबंधन का कहना था कि मेंटेनेंस का काम केपीसी कम्पनी करवा रही है। उनका कोई लेना-देना नहीं है। एयरपोर्ट पर10 महीने में तीसरे मजदूर की मौत हुई है। महाराजपुरा थाने में मर्ग कायम कर लिया है।

पिता से बोला -एक हफ्ते बाद लौटूंगा
घटना से घंटे भर पहले विनोद ने अपने पिता से फोन पर बात की थी। तब उसने सप्ताह भर के बाद घर आने की कहा था। पिता सुदर्शन पाल ने बताया कि वह 9 माह से घर नहीं आया था। उनका एक छोटा बेटा भी है। लेकिन परिवार में कमाने वाला विनोद अकेला था। 2 वर्ष पूर्व उसकी शादी हुई थी। उसके बाद एक साल की बिटिया है। परिजन ग्वालियर के लिये रवाना हो चुके है। वह गुरूवार को यहां पहुंचेंगे।
सुरक्षा मानकों में इनकी लापरवाही
1. केपीसी कंपनी के इंजीनियर नेहरू शर्मा
2. एटूएस कंपनी के फोर मैन दीपक शर्मा
3. सेफ्टी ​इंजीनियर हृदेश पटसारिया
क्या करना था: इन तीनों पर काम के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन कराने की जिम्मेदारी थी। जिसका ध्यान नहीं रखा।
कंपनी ने घटना के बाद मंगाई क्रेन
मजदूरों ने बताया कि क्रेन की बजाय बिल्डिंग के स्ट्रक्चर पर रिपेयरिंग वर्क करने छत के रास्ते भेजा था। यदि क्रेन से स्ट्रक्चर पर चढ़ाते तो मजदूर को चलने की जरूरत नहीं पड़ती और हादसा नहीं होता। मजदूर की मौत के दो घंटे बाद क्रेन मशीन मंगवाकर बचे हुए काम को केपीसी कंपनी ने करा दिया।