ग्वालियर में मंकी पॉक्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, जिला अस्पताल में वार्ड बनाया
ग्वालियर. जिले में मंकीपॉक्स को लेकर सीएमएचओ डॉ. आरके राजौरिया ने गाइड लाइन जारी की है। जिसमें मंकीपॉक्स के नियंत्रण और उससे बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए हैं। मंकीपॉक्स एक जूनोटिक बीमारी है, जो मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन क्षेत्रों में पाई जाती है। मंकी पॉक्स से संक्रमित रोगी को सामान्यत: बुखार, रेशे और लिम्फ नोड्स में सूजन पाई जाती है। कुछ रोगियों में चिकित्सकीय जटिलताएं हो सकती हैं।
मंकी पॉक्स एक स्व-सीमित संक्रमण है, जिसके लक्षण सामान्यत: 2-4 सप्ताह में समाप्त हो जाते हैं। गंभीर प्रकरणों में मृत्यु दर 1-10 प्रतिशत है। मंकी पॉक्स वायरस पशुओं से मनुष्य में और मनुष्य से मनुष्य में भी फैल सकता है। उक्त वायरस कटी-फटी त्वचा, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है।
जिला अस्पताल में हेल्प डेस्क और वार्ड बनाया गया है। उक्त बीमारी के संबंध में अधीनस्थ समस्त स्वास्थ्य संस्था प्रभारियों को अवगत कराया जाकर दिशा निर्देश प्रदान किए गए हैं। इसके साथ ही आमजन में जागरूकता लाने एवं संबंधित बीमारी के संबंध में जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से जिला अस्पताल मुरार में हेल्प डेस्क मोबाइल नंबर 9713528573 जारी किया गया है, जिसके माध्यम से डॉ. नीतेश मुदगल (एमडी मेडीसिन) व डॉ. राम बंसल (बाल्य एवं शिशु रोग विशेषज्ञ ) द्वारा सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक आमजन को संबंधित बीमारी के संबंध में आवश्यक जानकारी दी जाकर जगरूक किया जाएगा। उक्त बीमारी के संभावित मरीजों के उपचार एवं प्रबंधन के लिए जिला चिकित्सालय मुरार में 10 बिस्तरीय आइसोलेशन वार्ड स्थापित किया गया है। इसके साथ ही आवश्यक दवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है।