पट्टाधरियों से ही बन्द करवायें खदानें-NGT
ग्वालियर. शताब्दीपुरम में खोदी गयी खदानों की पिटीशन पर सुनवाई करनते हुए एनजीटी की सेंट्रल जोन बेंच भोपाल ने यह आदेश दिये हैं। बेंच ने 3 दिन पहले इस मामले की सुनवाई करने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। आदेश में कहा गया है कि संयुक्त जांच समिति ने जो रिपोर्ट पेश की और राज्य सरकार ने जो जवाब दिया है। उसके मुताबिक पर्यावरण नियम के पालन को लेकर संबंधित लोगों(पट्टाधारियों) को नोटिस जारी किये गये थे। ऐसे में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं खनिज विभाग को नियमित अंतराल में पर्यावरण नियम का पालन कराने का आदेश दिया जाता है तो दोनों विभाग ये भी तय करें कि पट्टाधारी खदानों की सही तरीके से बन्द करें। यदि ऐसा नहीं होता है तो प्रदूषण विभाग एवं खनिज विभाग नियमानुसार कार्यवाही करें।
अरबों रूपये का पत्थर निकालने के बाद खाली छोड़ी खदानें
अरबों रूपये का पत्थर निकालकर खदान छोड़ने वाले 6 पट्टाधरियों स सभी खदानें भरवाई जानी है। लेकिन खनिज विभाग के अधिकारी लगातार ऐसे दांव-पेंच अपना रहे हैं जिससे कि इन खदानों को भरने का खर्च पट्टाधारियों पर न आ सके। इसके लिये विभाग ने नगर निगम को प्रस्ताव देकर कचरे से गड्डा भरे जाने के लिय कहा है कि जिस पर अभी नगरनिगम ने स्वीकृति नहीं दी है। वही उद्योग विभाग और मत्सरू विभाग इन खदानों को लेकर किसी प्रकार का काम करने से इंकार किया है। वहीं पर्यावरणविद् के अनुसार यदि नगर निगम द्वारा कचरे से यदि यह खदानें भरी जाती है तो आसपास के कई किलोमीटर तक भू-जल आने वाले समय में जहरीला हो जोयगा। ऐसा होने पर उस पानी की सुधारा भी नहीं सकेगा। वह लोगों मेंगंभीर बीमारियां फैलायेगा।
ग्वालियर. शताब्दीपुरम के आबादी से भरे इलाके स्थित 250 फीट गहरी खाईनुमा खदानों का लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने आदेश दिया है कि खनिज विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नियमानुसार खदानों बंद कराई जाये। यदि लीज होल्डर(पट्टाधारी) नियमों के मुताबिक गड्डे भरने की कार्यवाही न करें तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाये।