विश्व प्रसिद्ध मुक्केबाज मैरीकॉम वीरांगना सम्मान से विभूषित

ग्वालियर । स्त्रीत्व को नई परिभाषा देकर अपने शौर्य बल से नए प्रतिमान गढ़ने वाली विश्व प्रसिद्ध मुक्केबाज श्रीमती एम.सी. मैरी कॉम को “वीरांगना सम्मान-2015’ से विभूषित किया गया। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया तथा जनसंपर्क व जलसंसाधन मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने मैरी कॉम को इस सम्मान से अलंकृत किया। मध्यप्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा प्रदत्त इस अलंकरण के रूप में उन्हें दो लाख रूपए की सम्मान राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। ओलम्पिक, एशियाड व राष्ट्रमण्डल खेलों सहित विश्व स्तरीय अन्य प्रतियोगिताओं में मुक्केबाजी के तमाम खिताब मैरीकॉम अपने नाम कर चुकीं हैं।
दो दिवसीय वीरांगना लक्ष्मीबाई बलिदान मेले के पहले दिन सायंकाल श्रीमती मैरीकॉम को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर बतौर विशिष्ट अतिथि महापौर विवेक नारायण शेजवलकर, भजन साम्राज्ञी श्रीमती अनुराधा पौडवाल, सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष बालेन्दु शुक्ल, जीडीए के अध्यक्ष अभय चौधरी, नगर निगम सभापति राकेश माहौर एवं संस्कृति विभाग के संचालक अक्षय सिंह विशिष्ट अतिथि मौजूद थे। मंत्री नारायण सिंह कुशवाह भी इस अवसर पर मौजूद थे। यहाँ रानी लक्ष्मीबाई की समाधि के सामने स्थित मैदान पर बलिदान मेला आयोजित हो रहा है। उच्च शिक्षा मंत्री एवं बलिदान मेले के संस्थापक अध्यक्ष श्री जयभान सिंह पवैया की पहल पर आयोजित हो रहा यह 19वाँ बलिदान मेला है। विदित हो इस साल झाँसी की रानी वीरांगना लक्ष्मीबाई के बलिदान की 160वीं वर्षगाँठ भी है।
लड़कों से किसी भी क्षेत्र में कमतर नहीं हैं लड़कियाँ : मैरीकॉम
वीरांगना सम्मान से विभूषित श्रीमती एम.सी. मैरीकॉम ने इस अवसर पर कहा कि हमने मुक्केबाजी को एक चुनौती के रूप में लेकर इस मिथक को तोड़ने का प्रयास किया है कि लड़कियां भी हर वह काम कर सकती हैं, जो लड़के कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि शारीरिक बल वाले मुक्केबाजी खेल को चुनने पर बचपन में मेरी भी हँसी उड़ाई गई। मगर हमने हिम्मतपूर्वक इस खेल में महारत हासिल कर देश और दुनिया में भारत का नाम रोशन किया। श्रीमती मैरीकॉम ने कहा कि एशियाड, कॉमनवेल्थ एवं विश्व स्तर की अन्य प्रतियोगिताओं में मुझे स्वर्ण पदक मिल चुके हैं। ओलम्पिक में मैंने ब्रॉन्ज मैडल हासिल किया है। हमारा सपना है कि वर्ष-2020 के ओलम्पिक में हम देश के लिये गोल्ड जीतें। आप सबकी दुआ और आशीर्वाद से हम यह मुकाम जरूर हासिल करेंगे। श्रीमती मैरीकॉम ने बालिकाओं को संदेश देते हुए आहवान किया कि वे अपने आप को कमतर न समझें। उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि शादी एवं माँ बनने के बाद भी हमने तमाम मैडल हासिल किए हैं।