आर्थिक मंदी पर प्रहार करने का प्लान, सरकार ने उठाए ये 10 बड़े कदम
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक मंदी पर प्रहार करने वाले कई कदमों का ऐलान किया. साथ ही भारत की मंदी की दूसरे देशों से तुलना करते हुए देशवासियों को मायूस ना होने की वजह भी बताई.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को आर्थिक मंदी के हालात पर देश को संबोधित करते हुए इससे निपटने के लिए उठाए गए कदमों से अवगत करवाया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बाजार में आई सुस्ती को दूर करने और अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने का ब्लूप्रिंट लेकर देश के सामने आईं.
निर्मला सीतारमण ने इस दौरान उन्होंने अलग-अलग सेक्टर्स, उद्योग और आम आदमी को मंदी से राहत देने वाली कई घोषणाएं कीं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक मंदी पर प्रहार करने वाले कई कदमों का ऐलान किया. साथ ही भारत की मंदी की दूसरे देशों से तुलना करते हुए देशवासियों को मायूस ना होने की वजह भी बताई.
1- वित्त मंत्री ने कहा, बैंकों ने तय किया है कि अब आरबीआई द्वारा रेपो रेट में की गई कटौती का फायदा सीधे ग्राहकों को दिया जाएगा. इसका असर ये होगा कि ग्राहकों को अब होम और ऑटो लोन सस्ते मिलेंगे.
2- ऑटो सेक्टर में छाई मंदी को दूर करने के लिए नॉन बैंकिंग फाइनेंसिंग कंपनियां यानी NBFC अब आधार KYC के आधार पर लोन दे पाएंगी. सरकार ने सरकारी विभागों द्वारा वाहनों की खरीद पर लगी रोक को हटा दिया है.
3- सरकार ने नए वाहनों की रजिस्ट्रेशन फीस में इजाफे को भी जून 2020 तक के लिए टाल दिया है.
4- नकदी की कमी को दूर करने के लिए हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूंजी मुहैया कराने के लिए नई संस्था बनेगी, जिसका ऐलान जल्द होगा.
5- हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों की कैश लिक्विडिटी 20 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 30 हजार करोड़ की जाएगी.
6- GST रिफंड में देरी से पैसों की कमी झेलने वाले कारोबारियों को राहत देते हुए ऐलान किया गया कि अब जीएसटी रिफंड का भुगतान 30 दिनों के अंदर किया जाएगा.
7- मंदी से निपटने के लिए केंद्र सरकार सरकारी बैंकों में 70 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी. जिससे बैंक अब ज्यादा से ज्यादा लोन दे सकेंगे.
8- सरकार ने बजट के दौरान सुपर रिच सेक्शन पर बढ़ाए गए सरचार्ज को भी वापस लेने का फैसला किया है.
9- सरकार ने लॉन्ग और शॉर्ट टर्म कैपिटेल गेन पर बजट में बढ़ाए गए सरचार्ज को भी वापस ले लिया है.
10- इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए 100 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया जाएगा. इस सेक्टर के कामकाज पर नजर रखने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स बनाई जाएगी.