अत्यधिक ठंड को देखते हुए नगरनिगम द्वारा शहर में जलाए जा रहे हैं अलाव

ग्वालियर – शहर में रात के न्यूनतम तापमान में निरंतर गिरावट देखने को मिल रही है। रात में ठंड़ से बचाव के लिए ग्वालियर नगर निगम द्वारा शहर के सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाए जा रहे हैं।
नगर निगम आयुक्त ने बढ़ती सर्दी से शहर के नागरिकों को राहत देने के लिए विभिन्न स्थानों पर अलाव जलाने के लिए निर्देश दिए थे। उसी क्रम में पार्क विभाग द्वारा शहर में अनेक सार्वजनक जगहों एवं चौराहों पर अलाव जलाए जा रहे हैं। जिसमें आज रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, मुरार बारादरी, गोले का मंदिर, जच्चा खाना, हजीरा, सिंधे की छावनी, किला गेट, सिविल हॉस्पिटल, 4 न रेलवे स्टेशन, फूलबाग, अचलेश्वर मंदिर, जेएच हॉस्पिटल, महाराज बाड़ा आदि स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई।
आईएसबीटी के जलभराव की समस्या का समाधान

स्मार्ट सिटी परियोजना का प्रभार संभालते ही ग्वालियर नगर निगम आयुक्त ने विकास और जनकल्याण की नई गाथा लिखने की शुरुआत कर दी है। हाल ही में, आईएसबीटी क्षेत्र में जलभराव की पुरानी समस्या के समाधान हेतु नगर निगम आयुक्त ने तत्परता और दूरदर्शिता के साथ महत्वपूर्ण कदम उठाए।
आईएसबीटी क्षेत्र का निरीक्षण करते समय निगमायुक्त ने पाया कि इस क्षेत्र में लंबे समय से जलभराव और गंदगी की समस्या बनी हुई थी। यह समस्या न केवल रेलवे ट्रैक और आईएसबीटी जैसी महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों के लिए जोखिमपूर्ण थी, बल्कि आसपास के किसानों की खेती को भी नुकसान पहुंचा रही थी।
तत्काल निर्देश और तीव्र कार्यवाही
नगर निगम आयुक्त ने कार्यपालन यंत्री संजीव गुप्ता और सीवर सेल नोडल अधिकारी लल्लन सिंह सेंगर को तुरंत इस समस्या का स्थाई समाधान निकालने के निर्देश दिए। उनकी कुशल नेतृत्व क्षमता और तार्किक सोच के तहत टीम ने महज तीन दिनों के भीतर समस्या का समाधान कर दिया।
टीम ने 1800 एमएम की बंद पड़ी लाइन को खोजा, जो कई वर्षों से निष्क्रिय थी। इस लाइन को सफाई और मरम्मत के बाद पुनः चालू किया गया। इस परियोजना के तहत रेडीमेड गारमेंट पार्क, आईएसबीटी, और स्मार्ट सिटी बस स्टैंड से 20 एमएलडी जलालपुर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तक जल निकासी प्रणाली को जोड़ा गया। इस पूरे कार्य के लिए जहां लगभग 10 करोड़ रुपये का अनुमानित खर्च आंका गया था, वहीं नगर निगम की टीम ने सीमित संसाधनों और मात्र 8-10 कर्मचारियों के साथ इसे सफलतापूर्वक पूरा किया।
शहर को दी बड़ी राहत
शासकीय संपत्ति का संरक्षण: रेलवे और आईएसबीटी क्षेत्र जलभराव से पूरी तरह सुरक्षित हुए। किसानों को राहत: जलभराव की समस्या से किसानों को निजात मिली, जिससे उनकी खेती सुरक्षित हुई। स्मार्ट सिटी के लक्ष्य की ओर कदम: यह कार्य शहर को स्वच्छ और आधुनिक बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुआ