रेलवे स्टेशन पुर्नविकास-अभी तक 45% हो पाया निर्माण कार्य, KPC ने मांगा 411 घंटे का ब्लॉक तो रेलवे ने कहा 2 साल में मिलेगा
ग्वालियर.केपीसी कंपनी द्वारा धीमी गति से निर्माण किया जा रहा है। इस मामले में केपीसी ने 411 घंटे का ब्लॉक मांगा है इस संबंध में रेल प्रशासन ने साफ-साफ शब्दों में कह दिया है कि 411 घंटे का ब्लॉक रेलों की स्थिति को देखते हुए 2 वर्षो में मिल पायेगा। आपको बता दें कि रेलवे स्टेशन का पुर्नविकास कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है। इस वजह से आने-जाने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ है। इस दौरान 4 यात्रियों की मौत और कई यात्री घायल हो गये है।
रेलवे स्टेशन का पुर्नविकास कार्य 535 करोड़ की लागत से दिसम्बर 2024 तक निर्माण कार्य को पूरा करना था। लेकिन अभी तक केवल 45 प्रतिशत ही निर्माण हो पाया है। 14 दिनों के बाद डेडलाइन समाप्त हो जायेगाी। लेकिन प्लेटफार्म, रूफटॉप औन अन्य निर्माण कार्य अधूरे स्थिति में है। रेल प्रशासन ने 2 वर्ष के दौरान करीब 350 घंटे का ब्लॉक केपीसी कंपनी को दिया गया है।
अब कंपनी ने रेलवे को प्रस्ताव भेजा है कि 25 अप्रैल तक प्लेटफार्म नम्बर 1 से लेकर 4 तक स्ट्रक्चर खड़ा करने के लिये उसे 411 घंटे की ब्लॉकी की आवश्यकता है। इससे यह तय माना जा रहा है कि पुर्न विकास का काम पूरा होने में कम से कम 2 वर्ष से अधिक समय अभी और लगेगा। तब तक यात्री रेंगने के लिये मजबूर है।
रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन 60 हजार से अधिक यात्री ट्रेनों में यात्रा करते है। लेकिन काम की वजह उन्हें कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। प्लेटफार्म पर बैठने की जगह नहीं है। नया फुटओवर ब्रिज तैयार होने के बावजूद एस्केलेर चालू नहीं है और स्टेशन के पोर्च तक वाहन नहीं पहुंच पा रहे है। यही नहीं निर्माण के दौरान प्लेटफार्म से गिरकर ट्रेन की चपेट में आये 4 यात्रियों की मौत हो चुकी है जबकि कई जख्मी भी हुए है। हालांकि रेलवे इसे मानने से मना कर दिया है।
काम में देरी होने की 4 वजह
प्लेटफार्म नंबर 1 से 4 तक 48 कॉलम बनाने थे, जिनमें से सिर्फ 7 पिलर ही तैयार हुए हैं।
30,000 वर्गमीटर का सेंट्रल रूफटॉप बनना है, लेकिन अब तक बहुत कम काम हुआ है।
462 करोड़ रुपए के बजट में से अभी तक सिर्फ 112 करोड़ रुपए का काम हो सका है।
कंपनी ने ब्लॉक के लिए 411 घंटे मांगे, लेकिन नियमों के तहत समय नहीं मिल सका।
यात्री सुविधाओं में भी हो रही परेशानिया
प्लेटफार्म पर जगह कम होने से यात्रियों को खड़े होकर इंतजार करना पड़ता है।
62 सीढ़ियां चढ़ने वाले फुटओवर ब्रिज पर एस्केलेटर अब तक चालू नहीं हुए।
वाहन पोर्च तक नहीं पहुंच रहे, यात्री सर्कुलेटिंग एरिया में सामान खींचते दिख रहे हैं।
नया फुटओवर ब्रिज तैयार होने के बावजूद अभी तक एस्केलेटर चालू नहीं किया गया।
अफसरों के लिए बन रहा टॉवर भी अधूरा
प्लेटफार्म नंबर एक के बाहर 7 मंजिला 2 रिहायशी टॉवर जबकि 4 नंबर के बाहर लोकोशेड के पास 7 मंजिला टॉवर अफसरों के निवास के लिए बन रहा है। यह भी अभी अधूरे हैं जिनको पूरा करने में अभी 6 माह का वक्त लगेगा।