ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण में देरी, अब टुकड़ों में ग्वालियर-आगरा हाइवे की मरम्मत
ग्वालियर. ग्वालियर से आगरा के बीच करीब 4200 करोड़ रुपये की लागत वाले बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट सिक्सलेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे का टेंडर सात माह बाद भी खोला नहीं जा सका है। इसी प्रोजेक्ट के अंतर्गत वर्तमान आगरा-ग्वालियर फोरलेन हाइवे की मरम्मत का प्रविधान भी जुड़ा हुआ है। एक्सप्रेस वे के टेंडर की प्रक्रिया बार-बार आगे बढ़ने के कारण पुराने हाइवे का संधारण नहीं हो रहा है। इसके चलते आगरा, धौलपुर और मुरैना जिलों में हाइवे जगह-जगह जर्जर हालत में पहुंच चुका है। इसको देखते हुए अब नेशनल हाइवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) के अधिकारियों ने वर्तमान हाइवे की टुकड़ों में मरम्मत कराने का निर्णय लिया है। इस क्रम में फिलहाल 1.180 किमी के हिस्से में हाइवे की मरम्मत के लिए लगभग चार करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। अगले चरण में दो टेंडर जारी कर जरूरी मरम्मत का कार्य कराया जाएगा। वर्तमान में वर्षा के कारण हाइवे की स्थिति खराब हो चुकी है। सबसे ज्यादा समस्या धौलपुर और मुरैना जिले में है, जहां हाइवे पर गड्ढों की दिक्कत सामने आई है। इसके चलते अब मरम्मत का काम शुरू कराया जाएगा।
इसलिए नहीं खोल पा रहे हैं टेंडर
एनएचएआइ ने पांच जनवरी 2024 को 3841 करोड़ रुपये की लागत से 88.400 किमी लंबे सिक्सलेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे निर्माण का टेंडर जारी किया था और इसी में वर्तमान हाइवे की मरम्मत का काम भी जोड़ दिया यानी जो कंपनी एक्सप्रेस वे का निर्माण करेगी, वही कंपनी लगभग 400 करोड़ रुपये की लागत से पुराने हाइवे को भी ठीक करेगी, लेकिन एक्सप्रेस वे के प्रस्तावित अलाइनमेंट में अभी भू-अर्जन की कार्रवाई ही नहीं हो पाई है। जब तक 90 प्रतिशत भू-अर्जन नहीं होगा, तब तक कार्यादेश जारी नहीं हो सकता है। ऐसे में बार-बार टेंडर खोलने की तारीख आगे बढ़ाई जा रही है। देरी के कारण पुराने हाइवे की स्थिति खराब होती जा रही है।
जरूरी मरम्मत का काम करेंगे
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे में भू-अर्जन की प्रक्रिया चल रही है। इस बीच वर्तमान हाइवे की जरूरी मरम्मत का काम शुरू कराएंगे। इस कार्य के लिए एक एजेंसी पहले से काम कर रही है, वहीं हम मरम्मत के लिए एक टेंडर और कर रहे हैं।
उमाकांत मीणा, प्रोजेक्ट डायरेक्टर एनएचएआइ ग्वालियर