जीवाजी विश्वविद्यालय में मांग पत्र को लेकर हुई चर्चा, संयुक्त मोर्चा वीसी के फैसले के इंतजार के बाद रणनीति बनायेगा

ग्वालियर. जीवाजी विश्वविद्यालय में सोवार को शिक्षकों के ज्ञापन दिये जाने के कुलगुरू प्रो. अविनाश तिवारी और जीवाजी यूनीवर्सिटी टीचर्स ऐसोसिएशन (जूटा) के अध्यक्ष प्रो. जेएन गौतम के बीच तीखी तकरार के बाद मंगलवार को दिनभर पॉलिटिक्स होती रही। आशंका इस बातकी थीकि शिक्षक और कर्मचारी मिलकर आन्दोलन खड़ा करेंगे। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। सुबह कुलपति कुछ प्रोफेसरों को चाय पर अनौपचारिक चर्चा के लिये बुलाया और अपनी बात कहीं। उनका कहना था कि शिक्षकों की समस्या का समाधान वह हमेशा करते हैं लेकि यह घटनाक्रम कुछ व्यक्तिगत मुद्दों की और चला गया है। इसका विश्लेषण करना चाहिये। इसके बाद शाम को कर्मचारी और शिक्ष्कों के संयुक्त मोर्चा की बैठक हुई। इसमें मांगपत्र में व्यक्तिगत मुद्दे रखे जाने को लेकर तीखी बहस हुई। बैठक में तय किया गया कि कर्मचारी और शिक्ष्कों के कॉमन मुद्दों को लेकर एक बैठक होगी। जूटा के मांगपत्र पर वीसी की कार्यवाही का इंतजार किया जायेगा। इसके बाद ही आगामी कदम का निर्णय लिया जायेगा। इसमें विषय यह भी कि किसी कार्य का भुगतान समय पर नहीं होता है हर विवाद की मुख्य वजह है। सभी लोगो में इस बात को लेकर आक्रोश है।
समस्याओं का होगा समाधान
वीसी ने चाय पर अनौपचारिक चर्चा में कहा है कि कल के घटनाक्रम में जिस तरह से बातचीत की गयी थी। वह टीचर्स के बीच होने वाली बातचीत का लहजा नहीं था। यह स्थिति भी तब हुई जब मैं आपकी बात सुनने गया था। आप लोग पूरे घटनाक्रम का विश्लेषण करें आप लोग कभी भी मेरे पास आ सकते है। बातचीत जारी रहना चाहिये। उन्होंने कहा है कि शिक्ष्कों के मुद्दे छात्र संगठन के आन्दोलन में आते हैं तो यह बात भी ठीक नहीं है। इस पर कुछ शिक्षकों का कहना था कि कल जो एपीसोड हुआ वह दोबारा उसका पार्ट नहीं बनना चाहेंगे।
संयुक्त मोर्चा में कॉमन मुद्दे पर हुई चर्चा
संयुक्त मोर्चा की बैठक में कॉमन मुद्दे ठाये जाने पर संवाद हुआ है। जूटा के मांग पत्र में क्या कार्यवाही होती है इसका इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद अगली बैठक होगी और फिर ज्ञापन दिया जायेगा। प्रो. जेएन गौतम, अध्यक्ष, जूटा
मांग पूरी होने का इंतजार करेगा -संयुक्त मोर्चा
दोपहर 3 बजे गालव सभागार में शिक्षक और कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चा की बैठक हुई। जिसमें टीचर्स की सीनियरटी की एक ही सूची बनना चाहिये। कर्मचारियों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति भत्ता मिलना चाहिये। एनपीएस को लेकर लगातार प्रशासन से चर्चा करना चाहिये। संयुक्त बैठक में प्रोफेसर से जुड़े व्यक्तिगत मुद्दे उठाये जाने को लेकर तीखी बहस भी हुई। प्रो. शांतिदेव सिसौदिया ने व्यक्तिगत मुद्दे उठाये जाने पर आपत्ति व्यक्त की। इस पर कर्मचारी संगठन के प्रदेशाध्यक्ष राकेश गुर्जर के साथ तीखी बहस हो गयी। गुर्जर का कहना था कि एक व्यक्तिगत मुद्दे जिन पर 2 कर्मचारी अथवा शिक्षकों के बीच विवाद की स्थिति है। उन्हें न उठाया जाये लेकिन जिन पर विवार नहीं है। उन्हें उठाया जाना चाहिये।