ठग पुष्पेन्द्र के बैंक खाते खंगालने और मोबाइल का डाटा रिकबर करने में जुटी पुलिस
ग्वालियर. केन्द्रीय मंत्री के नाम पर 2 टीआई के ट्रांसफर के लिये डीजीपी पर दबाव बनाने वाले आरोपी ठग पुष्पेन्द्र दीक्षित के 4 बैंक एकाउंट है। अब पुलिस इन खातों की की जांच कर पता लगा रही है कि तबादलों के एवज में उसने उगाही तो नहीं की है। पकड़े गये ठग काफी शातिर है और कई घंटों की पूछताछ में पुलिस को कुछ भी नहीं बताया है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि खातें में हुए ट्रांजेक्शन से उन अधिकारियों का पता चल सकेगा। जिन्होंने उससे ट्रांसफर करवाया है।
ज्ञात हो कि पिछले दिद क्राइम ब्रांच ने टेकनपुर से कथावाचक पुष्पेन्द्र दीक्षित को पकड़ा है। पकड़े गये आरोपी ने केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के निज सचिव जयकिशन बनकर डीजीपी सुधीर सक्सेना को कॉल और वॉट्सएप के माध्यम से निरीक्षक पंकज त्यागी और विनय यादव के तबादले का दबाव बना रहा था। लगातार मैसेज और कॉल आने से डीजीपी को शंका हुई और उन्होंने केन्द्रीय मंत्री के निज सचिव जयकिशन से बात की तो पता चला कि उनके द्वारा न तो किसी के तबादले के लिय कॉल किया गया और ना ही मैसेज किये गये हैं। इसके बाद मामले की जांच की तो पता चला कि उक्त नम्बर कथा वाचक पुष्पेन्द्र दीक्षित के हैं और इसका पता चलते ही आईजी अरबिंद सक्सैना को मामले की जांच और कार्यवाही के लिये निर्देशित किया।
बैंक एकाउंट से खुलेगा राज
क्राइम ब्रांच की जांच में ठग के पास से 4 खातों की जानकारी मिली है। जिसमें 2 खाते सेंट्रल बैंक, एक बीओआई तथा एक एसबीआई का है। एक खाता पत्नी के नाम से है। अब पुलिस इन खातों की जांच में जुटी है कि किस खाते में कितनी रकम आइ्र और किसने डलवाई है। जिससे पता चल सके, उक्त व्यक्ति ने अपने ट्रांसफर के लिये रकम ठग को दी है।
मोबाइल का डाटा रिकवर करने में जुटी साइबर सेल
जो मोबाइल क्राइम ब्रांच को ठग से मिले है। उनका डाटा डिलीट कर दिया है। अब साइबर सेल की टीमें डिलीट किये गये डाटा को रिकवर करने में जुटी है। जिससे अपना ट्रांसफर कराने वालों की जानकारी हाथ आ सके।
हार्ट पकड़कर बैठ जाता है आचार्य
पुलिस अधिकारियों और क्राइम ब्रांच कमी टीम लगातार पकड़े गये ठग से पूछताछ कर रही है। लेकिन ठग काफी शातिर है। औरे जब भी उससे पूछताछ होती ह ैवह अपना हार्ट पकड़ कर बैठ जाता है। ठग के पास से शुगर और बीपी की दवायें मिली है। लेकिन हार्ट की कोई दवा नहीं मिली है। आज पुलिस उसका मेडीकल करायेगी । जिससे पता चल सके कि वह हार्ट पैंशेंट है कि नहीं।
गन लायसेंस होगा निलंबित
पुलिस की जांच में पता चला है कि कुछ ही समय पूर्व कथावाचक ने गन लायसेंस बनवाया है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि इसे भी ठग ने दबाव बनाकर बनवाया होगा। अब पुलिस इसे निरस्त कराने की तैयारी में लग गयी है।
एसपी बोले
कथावाचक से पूछताछ की जा रही है। चार बैंक एकाउंट मिले है। जिनकी पड़ताल जारी और साथ ही मोबाइल डाटा रिकवर किया जा रहा है ताकि पूर्व किये गये ठगी का राज खुल सकें।
धर्मवीर सिंह, एसपी