कोरोना ने कुल्लू-मनाली में टूरिज्म की तोड़ी कमर, इस साल मात्र 200 विदेशी टूरिस्ट आए
कुल्लू. हिमाचल प्रदेश में कोरोना काल में सबसे ज्यादा नुक्सान पर्यटन कारोबारियों को झेलना पड़ा. पिछले 2 सालों में पर्यटन इंडस्ट्रीज के साथ प्रदेश सरकार के राजस्व को करोड़ों रूपये का नुक्सान झेलना पड़ा है. कोरोना में कुल्लू-मनाली के पर्यटन कारोबार से जुड़े हजारों लोगों को करोड़ों रूपये का नुक्सान हुआ है. कुल्लू-मनाली में जहां कोरोना काल से पहले हर साल 35 लाख से अधिक पर्यटक पहुंचते है. वहीं, कोरोना महामारी के चलते इस बर्ष अब मात्र 10 लाख पर्यटक ही पहुंचे है. विदेशी पर्यटकों की संख्या मात्र 200 ही है. ऐसे में पर्यटन इंडस्ट्रीज के साथ पर्यटन विभाग प्रदेश सरकार को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है.
जिला पर्यटन अधिकारी कुल्लू राजेश भंडारी ने बताया कि कोरोना काल में सबसे ज्यादा नुक्सान पर्यटन इंडस्ट्रीज को हुआ है. उन्होंने कहा कि कुल्लू-मनाली में ऑक्यूपेंसी 15 प्रतिशत रह गई है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष जिला में 10 लाख पर्यटक आए हैं, इसमें जनवरी में 1 लाख 96 हजार 274,फरवरी में 1 लाख 62 हजार 629, मार्च में 1 लाख 52 हजार 401, अप्रैल में 27418, मई में 15, 972, जून में 1 लाख 64 हजार, जुलाई में 2 लाख 13 हजार, अगस्त में 53,307 पर्यटक कुल्लू-मनाली आए हैं.
उन्होंने कहा कि इस साल विदेशी पर्यटक नाम मात्र आए हैं. 200 के करीब विदेशी पर्यटक कुल्लू मनाली आए हैं. बता दें कि हिमाचल में कुल्लू और मनाली के अलावा, शिमला, सहित तमाम टूरिस्ट स्पॉट का यही हाल है. यहां पर सैलानियों के ना आने से कई होटल बंद हो गए हैं. साथ ही युवा भी बेरोगजगार हो गए हैं.