Noida News: 15 हजार फ्लैट मालिकों को मिली बड़ी राहत, अब अथॉरिटी को लेना है फैसला
नोएडा. दिल्ली-एनसीआर के प्रमुख शहर नोएडा के 15 हजार फ्लैट खरीदारों को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नोएडा अथॉरिटी को कहा है कि वो अपने बकाए के साथ ही 15 हजार फ्लैट खरीदारों के हितों का भी ख्याल रखें. कोर्ट ने कंपनी का नया मैनेजमेंट भी गठित कर दिया है, लेकिन नए मैनेजमेंट ने नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. गौरतलब है कि ये वो 15 हजार फ्लैट खरीदार हैं, जिन्होंने 10 साल पहले कंपनी को पैसे दिए थे, लेकिन अभी तक उन्हें फ्लैट नहीं मिले हैं. ये लोग यहां-वहां किराए पर रहने को मजबूर हैं.
जानकारों की मानें तो नोएडा अथॉरिटी के यूनिटेक बिल्डर पर करीब 8 हजार करोड़ रुपये बकाया है. इसी रकम की वसूली के लिए अथॉरिटी ने यूनिटेक बिल्डर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है. वहीं, यूनिटेक के नए मैनेजमेंट का कहना है कि नोएडा अथॉरिटी जो रकम बता रही है वो बहुत ज्यादा है. हमारी मांग है कि हमें ब्याज और पेनल्टी में छूट दी जाए. अथॉरिटी सिर्फ अपनी मूल रकम की ही वसूली करे. वहीं, सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर ऐसा नहीं होता है तो इस हालत में न तो अथॉरिटी को ही कुछ मिल पाएगा और न ही फ्लैट खरीदारों को.
किसान बोले ‘हम नोएडा में गाय-भैंस कहां बांधे’, 1 सितम्बर को अथॉरिटी घेरेंगे 81 गांवों के किसान
पैसा लौटाने में भी है बिल्डर्स का फायदा
फ्लैट खरीदारों मुताबिक, खरीदारों को फ्लैट का पैसा लौटाने में भी बिल्डर्स का ही फायदा है. हम लोगों को पैसा लौटाकर बिल्डर्स उन फ्लैट को नई रेट पर बेचेंगे या फिर वहां पर कोई और नया प्रोजेक्ट तैयार कर ताजा बाजार रेट का फायदा उठाएंगे. बहुत सारे ऐसे प्रोजेक्ट हैं, जहां 10 साल पहले जमीन खरीदकर खरीदारों से फ्लैट की बुकिंग की गई थी. उस वक्त और आज के जमीन के रेट में अच्छा खासा अंतर है. इसलिए जानबूझकर सिस्टम और बिल्डर्स ऐसे हालात पैदा करते हैं कि खरीदार या तो खुद पैसा मांगने लगे या फिर कोर्ट इस तरह का आदेश कर दे.
नोएडा और ग्रेनो में हैं 1.5 से 2 लाख खरीदार
जानकारों की मानें तो आज की तारीख में नोएडा और ग्रेटर नोएडा एक्सटेंशन में 1.5 से 2 लाख ऐसे फ्लैट खरीदार हैं जो फ्लैट या अपने रुपयों की वापसी का इंतजार कर रहे हैं. करीब 25 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो चाहते हैं कि इतने साल बाद हालात अब ऐसे हो गए है कि उन्हें तो पैसे ही मिल जाएं तो वो बीच में से हट जाएंगे.