शनिवार को हरियाली अमवास्या का विशेष संयोग
ग्वालियर। शहर में 11 अगस्त को हरियाली अमावस की धूम रहेगी। हरियाली अमावस भी शनिवार को है, जिसके कारण शनि मन्दिरों में भी भक्तों की भीड़ रहेगी। चूंकि इस अमावस्या पर पेड़-पौधों को नया जीवन प्रदान होता है और पेड़-पौधों से मनुष्य का जीवन सुरक्षित होता है इस कारण वृक्षों की पूजा का हरियाणा अमावस्या पर खास महत्व होता है। इस दिन पीपल की पूजा की जाती है।
अमावस्या तिथि बहुत मायने रखती है। हिंदू पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष का यह अंतिम दिन होता है। अमावस्या की रात्रि को चंद्रमा घटते-घटते बिल्कुल लुप्त हो जाता है। सूर्य ग्रहण जैसी खगोलीय घटनाएं केवल अमावस्या तिथि को ही घट सकती हैं। कुल मिलाकर अमावस्य तिथि बहुत महत्वपूर्ण होती है लेकिन धार्मिक रूप से तो अमावस्या और भी खास होती है। स्नान दान के लिये तो यह बहुत ही सौभाग्यशाली तिथि मानी जाती है विशेषकर पितरों की आत्मा की शांति के लिये हवन-पूजा, श्राद्ध, तर्पण आदि करने के लिये अमावस्या श्रेष्ठ तिथि होती है।
सावन अमावस्या पर लग रहा है सूर्य ग्रहण
11 अगस्त को सावन मास की अमावस्या तिथि शनिवार के दिन पड़ रही है। इसी दिन साल का तीसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण भी लगेगा। हालांकि यह ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा जिस कारण इसका असर भारत में नहीं पड़ेगा। इसी कारण यहां पर सूतक का विचार भी नहीं किया जा रहा है।