न हम मरे, न गांव छोड़ा फिर वोटर लिस्ट में नाम क्यों नहीं
न तो हमारी मृत्यु हुई और न ही हमने गांव छोड़ा फिर हमारे नाम वोटर लिस्ट में क्यों नहीं हैं।अब हम कैसे वोट करेंगे। यह बात करैरा विधानसभा के सिरसौद मतदान केंद्र के ग्रामीणों ने अपनी परेशानी बताते हुए कही।
-सिरसौद निवासी व्यवसायी महेश गुप्ता ने बताया कि जब से वह 18 साल के हुए हैं तब से आज तक जितने भी चुनाव हुए हैं सब में मां के साथ मतदान केंद्र पर जाकर हमने वोट किया है। लेकिन इस बार न तो मेरी मां राम सखी गुप्ता 66 वर्ष की पर्ची वोट डालने आई और न ही मेरा और बेटे संकेत गुप्ता 21 साल की आई। मां- बेटे के साथ जब मैने अपने नाम वोटर सूची में देखे तो वह गायब थे। मां का नाम तो वोटर सूची से डिलीट कर दिया गया।
हम दोनों बाप बेटे के नाम वोटर सूची में शामिल नहीं हैं। अब हम वोट कैसे करेंगे। वहीं सिरसौद के ही नरेश योगी 46 वर्ष और उनके बेटे नीलेश योगी 25 वर्ष का नाम भी वोटर लिस्ट से गायब है। दोनों परिवारों का कहना है कि हमारी बिना सूचना के नाम कट कैसे गया। हमारे पास न तो बीएलओ नाम कटवाने आया और न ही कोई अन्य जानकारी हम से ली गई हमारा सवाल यह है कि हमारे वोट आख़िर क्यों काटे गए।
जब इस संबंध में बीएलओ से पूछा तो वह बोले कि मैने तो किसी के नाम काटने की न तो सिफारिश की और न ही नाम काटे। हो सकता है कि तहसील कार्यालय से नाम कटा हो। पर एसडीएम राजन बी नाडिया से जब इस संबंध में बात की तो वह बोले कि बिना बीएलओ के न तो नाम कटता है और न ही नाम बढ़ता है। हम इस मामले की जांच कराएंगे।
हम इसकी जांच करा लेंगे
वोटर लिस्ट से नाम 4 स्थितियों में ही कटता है। या तो मतदाता गांव में न रहता हो। उसकी मृत्यु हो गई हो। किसी दूसरी जगह शिफट हो गया हो, या फिर किसी दूसरी जगह मतदाता का नाम हो। यह भी तब होता है जब बीएलओ लिखकर दे। हम इसकी जांच करा लेंगे।