जम्मू कश्मीर आधिकारिक भाषा बिल लोकसभा में पास, शाह बोले- सपना सच हुआ
जम्मू कश्मीर आधिकारिक भाषा (संशोधन) बिल मंगलवार को लोकसभा में पास हो गया. सदन में गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने विधेयक पेश किया. इस विधेयक पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद हसनैन मसूदी ने विरोध जताया था, लेकिन निचले सदन में बिल को पूरा समर्थन मिला. नए विधेयक के तहत उर्दू, कश्मीरी, डोगरी, हिंदी और अंग्रेजी जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषाएं होंगी.
बिल पास होने पर गृह मंत्री अमित शाह ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि ये यादगार क्षण जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. इस ऐतिहासिक बिल से J&K के लोगों का लंबे समय से प्रतीक्षित सपना सच हो गया है. कश्मीरी, डोगरी, उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी अब J-K की आधिकारिक भाषाएं होंगी.
गृह मंत्री ने ट्वीट करके कहा, 'इस अभूतपूर्व विधेयक के माध्यम से ‘गोजरी’, ‘पहाड़ी’ और ‘पंजाबी’ जैसी प्रमुख क्षेत्रीय भाषाओं के विकास के लिए विशेष प्रयास किया जाना भी प्रस्तावित है. साथ ही इस बिल से जम्मू कश्मीर कला, संस्कृति तथा भाषा अकैडमी जैसे अन्य वर्तमान संस्थागत ढांचे को सुदृढ़ किया जाएगा.'
अमित शाह ने कहा, 'यह बिल जम्मू-कश्मीर की संस्कृति को पुनर्स्थापित करने के लिए प्रधानमंत्री की कटिबद्धता को दर्शता है, इसके लिए उनका आभार व्यक्त करता हूं. साथ ही मैं जम्मू-कश्मीर के बहनों और भाइयों को विश्वास दिलाता हूं कि मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर के गौरव को वापस लाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.'