Uttarakhand Election: BJP के प्लान-बी से कांग्रेस में डर! उम्मीदवारों को लेकर हरीश रावत ने क्यों बजाया अलार्म?
उत्तराखंड में एग्ज़िट पोल्स के नतीजों में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर दिखने के बाद इस संभावना से इनकार नहीं कि कुछ विधायकों को लेकर बात फंस जाए. इस स्थिति को भांपते हुए भाजपा ने अपना प्लान बी बना लिया है और पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय रविवार को देहरादून पहुंच चुके हैं. विजयवर्गीय के उत्तराखंड पहुंचने के बाद सियासी गलियारों में कई तरह की अटकलें शुरू हो चुकी हैं. हालांकि खुद विजयवर्गीय अपने इस प्रवास को ‘पर्सनल’ बता रहे हैं, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कांग्रेस के तमाम नेताओं को सतर्क रहने के खुले निर्देश दे दिए हैं, ताकि पार्टी के विधायक टूटें नहीं.
भाजपा की राजनीति में ‘सियासी फेरबदल के माहिर’ कहे जाने वाले वियजवर्गीय ने अपने उत्तराखंड प्रवास को निजी कारणों से कहा, लेकिन कुछ ही देर में उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी समेत कई टॉप नेताओं से मुलाकात की. उत्तराखंड में 70 विधानसभा सीटें हैं इसलिए 36 सीटों का जादुई आंकड़ा पाने में अगर कोई भी पार्टी नाकाम रही, तो इस सूरत में, सूत्रों के मुताबिक बीजेपी नेता एक रणनीति तैयार कर रहे हैं. कांग्रेस और बीएसपी विधायकों की खरीद फरोख्त होने के इल्ज़ाम लगाने पर उतर चुकी हैं, तो भाजपा के नेता भी मान रहे हैं कि पार्टी उन नेताओं के संपर्क में है, जो विधायक चुने जा सकते हैं.
क्या है पहाड़ की सियासत में हलचल?
लक्सर सीट से बसपा के मोहम्मद शहज़ाद ने साफ तौर पर कह दिया, ‘मैं बिकने वाला आइटम नहीं, हमारी नेता ही सब कुछ तय करेंगी.’ इस सीट से चूंकि भाजपा के सिटिंग विधायक संजय गुप्ता ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक पर बसपा के पक्ष में वोटिंग प्रोत्साहित करने के आरोप लगाए थे इसलिए यहां शहज़ाद का यह बयान काफी महत्वपूर्ण है. इधर, बद्रीनाथ सीट से भाजपा के सिटिंग विधायक महेंद्र भट्ट ने माना है कि पार्टी कांग्रेस समेत कुछ पार्टियों के नेताओं के साथ संपर्क में है.
कांग्रेस को है शिकार होने का डर?
उत्तराखंड में एग्ज़िट पोल के बाद कांग्रेस ने अपनी सरकार बनाने का दावा किया है, लेकिन वियजवर्गीय की आमद के बाद एक डर भी दिख रहा है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा, ‘भाजपा के नापाक इरादों और तरीकों को कांग्रेस नाकाम करेगी. यह मीडिया की अटकलें हैं, फिलहाल कांग्रेस अपने प्रत्याशियों को कहीं छुपा नहीं रही है.’ वहीं, पूर्व सीएम हरीश रावत ने तो सोशल मीडिया पर खुलकर कह दिया है कि विजयवर्गीय के आने से लोकतंत्र के पहरेदार सावधान रहें क्योंकि दलबदल और नेताओं की खरीद फरोख्त का खतरा मंडरा रहा है.