मुख्य सचिव: जुलानिया की हो सकती है ताजपोशी

प्रदेश के मुख्य सचिव बीपी सिंह की सेवावृद्धि का राज्य सरकार का प्रस्ताव केंद्र सरकार ने लौटा दिया है। अब 15 जून तक प्रदेश के नए मुख्य सचिव का नाम तय हो जाएगा और इसके साथ ही उन्हें कामकाज समझने के लिए राज्य मंत्रालय में ओएसडी नियुक्त कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि बीपी सिंह ने एक नवंबर 2016 को मुख्य सचिव का पदभार संभाला था। उनका कार्यकाल 30 जून 2018 को समाप्त हो रहा है। चुनावी साल में सरकार की मंशा थी कि उसे प्रशासनिक फेरबदल नहीं करना पड़े, इसलिए उनकी सेवावृद्धि का प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन, केंद्र ने प्रस्ताव को अनुमति दिए बिना ही राज्य सरकार को वापस भेज दिया। अगले मुख्य सचिव पद के लिए यदि वरिष्ठता क्रम में देखा जाए तो वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव का नाम पहले आता है, लेकिन प्रदेश के इतिहास पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि किसी भी मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग के आला अफसर को कभी मुख्य सचिव का पदभार नहीं सौंपा। ऐसे में मुख्य सचिव के पद के लिए अनुकूल नाम है नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रजनीश वैश्य (1985) का। रजनीश वैश्य अपने शांत स्वभाव और उपलब्धियों भरे कार्यकाल को लेकर जाने जाते हैं। सरल-सहज और ईमानदार नौकरशाहों की फेहरिस्त में शामिल रजनीश वैश्य को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी पसंद करते हैं।
दूसरा मुख्यमंत्री के सिपहसालारों में जो नाम उभरकर आता है, वह है मध्यप्रदेश शासन के तेज-तर्रार नौकरशाह राधेश्याम जुलानिया (1985) का। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो राधेश्याम जुलानिया प्रदेश सरकार के लिए उपलब्धियों के भंडार हैं। हालांकि रजनीश वैश्य जितने सहज, सरल और शांत हैं, राधेश्याम जुलानिया ठीक उसके उलट कलेक्टर, कमिश्रर और प्रमुख सचिव स्तर तक के नौकरशाहों को डांट पिलाने के लिए जाने जाते हैं।राधेश्याम जुलानिया का नाम सबसे ऊपर चलने के पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि राधेश्याम जुलानिया पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ भी भरोसा जता चुके हैं। सूत्रों के अनुसार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का जुलानिया के बारे में स्पष्ट मत है कि यदि राधेश्याम जुुलानिया मुख्य सचिव बनते हैं तो मध्यप्रदेश में गुड गवर्नेंस की बेहतर उम्मीद की जा सकती है।