संस्कृति, धर्म, परंपरा और जीवन मूल्यों का संरक्षण सरकार का दायित्व : मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अधो-संरचना विकास कार्यों के संचालन और जन-कल्याण के साथ ही संस्कृति, धर्म परंपरा, जीवन मूल्य और आने वाले समय में विश्व कैसा हो, इस पर चिंतन और कार्य भी सरकार का दायित्व है। साँची बौद्ध विश्वविद्यालय के प्रकल्पों को साकार करने में राज्य सरकार पूरा सहयोग करेगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में साँची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय की साधारण परिषद की पाँचवीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा छठवें अंतर्राष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन की रचना सराहनीय है। सम्मेलन की तिथियाँ निर्धारित कर सभी आवश्यक तैयारियाँ की जाएँ। राज्य सरकार इसके लिए पूरा सहयोग करेगी। साथ ही विश्वविद्यालय परिसर में अन्य देशों को अकादमिक और अन्य कार्यों के लिए स्थान उपलब्ध करवा कर विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप की कल्पना को भी साकार किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि साँची विश्वविद्यालय द्वारा इंदौर में इन्वेस्टर्स समिट और प्रवासी भारतीय दिवस आयोजन के पूर्व 6 एवं 7 जनवरी को अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस का विचार प्रशंसनीय है। इसके लिए भी आवश्यक तैयारियाँ की जाएँ।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि साँची में श्रद्धा के साथ श्रीलंका और अन्य देशों से लोग आते हैं। यह स्थान राष्ट्रों को जोड़ने का आधार है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जब वे श्रीलंका गए थे तो वहाँ सीता माता के मंदिर के निर्माण और साँची में विश्वविद्यालय प्रारंभ करने का विचार समानांतर रूप से जन्मा। इसे साकार भी किया गया। भारत भूमि से बौद्ध और सनातन विचारधारा विश्व तक पहुँची। भौतिकता की अग्नि में दग्ध इस विश्व मानवता को शाश्वत सत्य का दिग्दर्शन भारत ही करवाएगा। इस दिशा में भारत आगे भी बढ़ रहा है। संभवत: यह ईश्वरीय विधान है, जिसके माध्यम हम सभी हैं। साँची विश्वविद्यालय के सभी प्रस्तावों को राज्य सरकार महत्वपूर्ण मानती है। इसके लिए हर संभव आवश्यक सहयोग दिया जाएगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और मानव संसाधन विकास मंत्रालय से भी संवाद स्थापित कर आवश्यक अनुदान और स्वीकृतियाँ प्राप्त की जाएंगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि साँची विश्वविद्यालय परिसर में अन्य देशों को अकादमिक कार्यों के लिए स्थान उपलब्ध करा कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालय की कल्पना को साकार किया जाना चाहिए।
विश्वविद्यालय की साधारण परिषद की बैठक में संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. एस.एल.टी.एस. रिनपोचे (लोसेंग तेनजिन), प्रमुख सचिव संस्कृति श्री शिव शेखर शुक्ला, परिषद के सदस्य नव नालंदा महाबिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्यनाथ लाभ, पद्मश्री श्री कपिल तिवारी, श्री अभय कात्यायन, श्री उमेश उपाध्याय, प्रो. करम तेज सिंह और विश्वविद्यालय की कुलपति और परिषद की सदस्य सचिव डॉ. नीरजा गुप्ता उपस्थित थीं। अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्री शैलेंद्र सिंह और अपर मुख्य सचिव वित्त श्री मनोज गोविल भी उपस्थित थे।