नरसिंहपुर जिले में मिले प्राचीन शैलचित्र

मध्यप्रदेश में कई स्थानों पर हजारों साल पुराने शैलचित्र मौजूद हैं। हाल ही में नरसिंहपुर जिले के करेली वन परिक्षेत्र के दुर्गम विनैकी ग्राम के पास शक्कर नदी की गुफाओं में प्राचीन शैलचित्र मिले हैं। विनैकी में बमुश्किल 20-25 मकान हैं। खड़ी चढ़ाई वाली पहाड़ी पर स्थित विनैकी गाँव में बाहरी व्यक्ति बिरले ही पहुँच पाते हैं। करेली वन परिक्षेत्र की टीम ने प्राकृतिक रूप से अतिरमणीय स्थान पर स्थित इन शैलचित्रों का मुआयना किया। शैलचित्रों की वास्तविक आयु पुरातत्व विभाग के विश्लेषण के बाद ही निर्धारित की जा सकेगी।

शैलचित्रों में मानव हाथी, घोड़े और पैदल लोगों के साथ शिकार खेलते हुए चित्रित है। चित्रों में भाला, तीर-कमान, फरसा आदि स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं। कुछ चित्र भीमबेटिका में मिले चित्रों के समान स्पष्ट लाल रंग के हैं वहीं कुछ चित्र धूसर हो चुके हैं। चित्रों के बारे में किसी लिपि में वर्णन भी किया गया है, जिसे प्राचीन लिपि को कोई जानकार ही पढ़ सकेगा।

शैलचित्र तक पहुँचने के लिए ग्राम हर्रई से चिखला तक 32 किमी की पक्की सड़क है। चिखला से बिनैकी तक 4 किमी की कच्ची सड़क है। वहीं विनैकी गुफा तक पहुँचने
के लिए 2 किमी का पैदल रास्ता तय करना पड़ता है। संपूर्ण क्षेत्र प्राकृतिक सौन्दर्य से सराबोर है।

मध्यप्रदेश में भोपाल के पास स्थित भीमबेटिका शैलचित्र यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित है। भीमबेटिका से 5 किमी दूर पेंगावन क्षेत्र में भी हजारों साल पुराने 35 शैलचित्र मिले हैं। राजगढ़ जिले के सिंघनपुर, होशंगाबाद के पास आदमगढ़, छतरपुर जिले के बीजावर, रायसेन जिले के पाटनी गाँव में मृगेन्द्रनाथ की गुफा आदि में भी प्रागैतिहासिक काल के शैलचित्र मिल चुके हैं।