UP Election Result: अखिलेश यादव को सहयोगियों का भी नहीं मिला भरपूर साथ? जानें क्या कहते हैं आंकड़े
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने राज्य में प्रचंड जीत मिलने के बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. इससे पहले उन्होंने कैबिनेट की मीटिंग भी बुलाई थी, जो कि यूपी में चुनाव जीतने के बाद पहली मीटिंग थी. इस मीटिंग में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा के अलावा बृजेश पाठक, अनिल राजभर समेत कई मंत्रियों ने हिस्सा लिया.
अपने आवास पर कैबिनेट की बैठक करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजभवन पहुंचकर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ मुलाकात की. अपना पहला कार्यकाल खत्म होने पर सीएम ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा है. इस दौरान उनके साथ यूपी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद थे .
बता दें कि पहली बार योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर सदर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था और बड़े अंतर से जीत दर्ज की है. भाजपा को इस सीट पर 165499 वोट मिले हैं. जबकि दूसरे नंबर पर रहीं सपा की शुभावती उपेंद्र दत्त शुक्ला को 60896 मत मिले हैं. सीएम ने इस सीट पर एक लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है.
आंकड़ों के लिहाज से देखें तो सपा के घटक दलों का सक्सेस रेट 24.56 फीसद रहा, जबकि भाजपा के सहयोगी पार्टियों की सफलता दर 66.66% रही. ऐसे में अखिलेश को सहयोगी दलों ने भी मायूस किया. वहीं, भाजपा के पार्टनर ने शीर्ष नेतृत्व को निराश नहीं किया. अखिलेश की समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय लोक दल, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, अपना दल (केमरावादी) और शरद पवार की राष्ट्रवदी कांग्रेस पार्टी के साथ चुनावी गठजोड़ किया था. इनमें से सभी दलों का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा. बता दें कि साल 2017 का विधानसभा चुनाव सपा ने कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा था. RLD ने चुनाव मैदान में अकेले जाने का फैसला किया था.
RLD को मिली थीं सबसे ज्यादा सीटें
सपा के साथ गठबंधन करने वाली पार्टियों में सबसे ज्यादा जयंत चौधरी की RLD को सीटें दी गई थीं. राष्ट्रीय लोक दल ने विधानसभा की 33 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 8 सीटों पर जीत हासिल हुई. ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, RLD का वोट शेयर महज 2.85 फीसद रहा. बता दें कि साल 2017 में RLD ने अकेले चुनाव लड़ा था और 277 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. पिछले चुनाव में जयंत की पार्टी को महज 1 सीट पर जीत हासिल हुई थी और पार्टी का वोट शेयर 1.78 प्रतिशत रहा था.
राजभर की पार्टी 6, केमरावादी और NCP का नहीं खुला खाता
ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने इस बार 18 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इस बार राजभर की पार्टी 6 सीटों पर विजयी रही. वहीं, अपना दल (केमरावादी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का खाता भी नहीं खुल सका. केमरवादी ने 4 सीटों और एनसीपी ने 1 सीट पर चुनाव लड़ा था.