वो तीन युवा जिन्होंने हांगकांग में चीन के खिलाफ खड़ा किया इतना बड़ा आंदोलन

हांगकांग में जून में नए प्रत्यर्पण बिल लाए जाने के बाद वहां पर जोरदार प्रदर्शन चल रहा है. हांगकांग पुलिस ने इस वीकंड वहां पर होने वाले 2 प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया है. शनिवार और रविवार को होने वाले प्रदर्शन को आम लोगों की सुरक्षा के कारणों की वजह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. हालांकि प्रदर्शनकारियों को रविवार को पुलिस हिंसा के खिलाफ सिर्फ एक रैली करने की अनुमति दी गई है.

इस बीच हांगकांग पुलिस ने यह खुलासा किया है कि जून में प्रत्यर्पण बिल के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन में 748 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इससे पहले के हफ्ते में सरकार विरोधी और पुलिस विरोधी प्रदर्शन पर रोक लगाने की प्रशासन की कोशिश नाकाम रही है. कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की गई जो बाद में पुलिस के साथ झड़प में बदल गई. मामला हिंसक हो गया.

हांगकांग में पिछले दिनों प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने एक युवा पर चीन का अंडरकवर एजेंट होने के शक में हमला कर दिया. चीन ने इसकी निंदा करते हुए इसे लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए शर्मनाक करार दिया और आतंकी घटना कहा. पुलिस ने गुरुवार को बताया कि 9 जून से शुरू हुए इस प्रदर्शन में अब तक 748 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं और इनमें से 115 लोगों पर केस दर्ज करा दिया गया है.

हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन अपने चरम पर है, डेमोसिस्टो नाम का संगठन इस आंदोलन की अगुवाई कर रहा है. डेमोसिस्टो युवाओं का एक संगठन है हांगकांग में लोकतंत्र के समर्थन में प्रदर्शन करता है. जोशुआ वांग, एग्निस चो और नाथन लॉ डेमोसिस्टो के नेता हैं. जोशुआ वांग और एग्निस चो की उम्र महज 22 साल है जबकि नाथन लॉ 26 साल के हैं. एग्निस चो एक लड़की है.

जोशुआ वांग और नाथन लॉ समेत कई लोगों को उनके अंब्रेला मूवमेंट में उनकी भूमिका के कारण 2017 में जेल भेज दिया गया था. 2014 में लोकतंत्र के समर्थन में बड़ी संख्या में कॉलेज के छात्रों ने हिस्सा लिया. इस आंदोलन में जोशुआ वांग बड़ा चेहरा बनकर उभरे थे. वांग का नाम अंब्रेला मूवमेंट के लिए शामिल होने पर 2018 में नोबल के शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया था. 2014 में आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए उन्हें 100 दिन से ज्यादा जेल में रहना पड़ा. वांग को इस साल 17 जून को जेल से रिहा किया गया.

महज 22 साल की एग्निस चो भी डेमोसिस्टो से जुड़ी हुई हैं और 2014 के हांगकांग में हुए प्रदर्शन में उन्होंने जमकर हिस्सा लिया था और 2016 के लेजिस्लेटिव काउंसिल के लिए चुनी जाने वाली सबसे युवा चेहरा बनी लेकिन जनवरी 2018 में उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया क्योंकि उन्होंने कई नियमों का पालन नहीं किया था.

इन दोनों के अलावा नाथन लॉ भी एक बड़ा चेहरा है और 2014 के आंदोलन में हिस्सा लेने वालों में शामिल हैं. 2014 में 79 दिन पहुंचे अंब्रेला मूवमेंट में नाथन ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. वह 2014 में स्थापित की गई डेमोसिस्टो के अध्यक्ष रह चुके हैं. 2016 में 23 साल की उम्र में नाथन चुनाव जीतने में कामयाब रहे. वह हांगकांग के इतिहास में हांगकांग लेजिस्लेटिव काउंसिल के लिए चुने जाने वाले सबसे युवा नेता बने.