राफेल ने पाक बॉर्डर पर तबाह किए दुश्मन: एक मिनट में किए 2500 फायर, 'वायु शक्ति- 2022' में दिखाएगा दम
जोधपुर/जैसलमेर. राजस्थान के जैसलमेर की चांधन फील्ड फायरिंग रेंज में शुक्रवार को ‘वायु शक्ति- 2022’ की फुल ड्रेस रिहर्सल हुई. इस रिहर्सल में फाइटर राफेल ने देखने वालों को हिलाकर रख दिया. उसके आने के अंदाज, सुपरसोनिक बूम और करतब देख सभी चौंक गए. ‘वायु शक्ति- 2022’ की एक्सरसाइज में राफेल ने पहली बार हिस्सा लिया. इस रिहर्सल में राफेल के साथ-साथ मिग-29, मिग-21, तेजस, जगुआर और सुखोई भी शामिल थे.
‘वायु शक्ति- 2022’ की रिहर्सल में इन विमानों से रण बांकुरों ने दुश्मन के ठिकानों पर सटीक निशाने लगाकर उन्हें तबाह कर दिया. इस दौरान करीब 148 विमानों ने हिस्सा लिया. वायुसेना 7 मार्च को अपनी शक्ति दिखाएगी. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति के आने की संभावना है. बता दें, पहली बार ‘वायु शक्ति- 2022’ में हिस्सा ले रहा राफेल सभी के आकर्षण का केंद्र होगा. क्योंकि, ये बेहद खतरनाक है. राफेल की गन एक मिनट में 2500 फायर करती है. राफेल का रडार सिस्टम 100 किलोमीटर के दायरे में एक बार में एक साथ 40 टारगेट पहचान सकता है.
इतना खतरनाक है राफेल
गौरतलब है कि राफेल फाइटर प्लेन करीब 24,500 किलो तक का भार उठा सकता है. ये 60 घंटे अतिरिक्त उड़ान भी भरता है. रिहर्सल में राफेल में लगी मिसाइल ने दुश्मन पर सटीक निशाना लगाया और उसे तबाह कर दिया. इस दौरान उसने हवा से जमीन और हवा से हवा में हमला किया. इस दौरान हवा में उसकी सुखोई विमान के साथ जुगलबंदी देखने लायक थी. इस जुगलबंदी को जिसने भी देखा, वह हैरान रह गया. इस दौरान जगुआर ने आजादी के अमृत महोत्सव के 75वीं वर्षगांठ का प्रतीक बनाया. उसने 17 विमानों के साथ आसमान में 75 का शेप बनाकर प्रदर्शन किया. इस दौरान विमानों का बेहतरीन संतुलन देखने को मिला.
ये है वायुसेना की शक्ति
वायु शक्ति की फुल ड्रेस रिहर्सल में वायुसेना के 148 विमानों ने हिस्सा लिया. राफेल के साथ-साथ मिग-29, मिग-21, तेजस, जगुआर और सुखोई भी शामिल थे. सभी ने भारत के अलग-अलग एयर बेस से उड़ान भरी और रिहर्सल में बनाए गए दुश्मनों के ठिकानों पर सटीक निशाना लगाकर तबाही मचा दी. यहां चिनूक, अपाचे, लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर, एमआई 35 एमआई 17 हरक्युलिस ने भी देखने वालों को प्रदर्शन से हैरान कर दिया. इस दौरान स्पाइडर और आकाश मिसाइल की क्षमता का प्रदर्शन भी किया गया. होवित्जर तोप से भी सटीक निशाना लगाया गया.