जीवाजी यूनिवर्सिटी के अधिकारियों की मिलीभगत से सालों से चल रहा फर्जीवाडा, कुलगुरू ने 2023 में भी नियमों का उल्लंघन कर दी थी संबद्धता

ग्वालियर. जीवाजी यूनिवर्सिटी द्वारा प्राइवेट कॉलेजों को संबद्धता दिए जाने के मामले में ईओडब्ल्यू ने अब संबद्धता में फर्जीवाडे का खुलासा किया है लेकिन इससे पहले भी कुलगुरू प्रो. अविनाश तिवारी के कार्यकाल में प्राइवेट कॉलेजों को संबद्धता दिए जाने में गडबडी की गई थी। अब वह मामला भी सामने आने लगा है कि परिनियम का उल्लंघन क्यों किया गया। अब कुछ लोग इस मामले क शिकायत भी ईओडब्ल्यू में करने क तैयारी कर रहे है।
प्राइवेट कॉलेजों को संबद्धता दिए जाने के बारे में विश्वविद्यालय परिनियम में प्रावधान है कि साल भर से ज्यादा पुराने कॉलेजों को सशर्त संबद्धता नहीं यूनिवर्सिटी ने 2023 में पुराने कॉलेजों को भी इस शर्त पर संबद्धता दी थी कि कॉलेज में पदस्थ शिक्षकों के तीन माह के वेतन के बैंक स्टेटमेंट और आधार कार्ड 31 जुलाई 2023 तक जमा कराए जाएं। यह नियम विरूद्ध था। पुराने कॉलेजों को यह छूट नहीं दी जा सकती थी। इन कॉलेजों को निरीक्षण के समय शिक्षकों के वेतन का तीन का बैंक स्टेटमेंट और आधार कार्ड देना चाहिए था। इस समय संबद्धता में होने वाली गडबडी को लेकर कुछ कार्यपरिषद सदस्यों ने भी कार्यपरिषद का बहिष्कार किया था और धरना भी दिया था इसके बावजूद नियम विरूद्ध ऐसे 250 से ज्यादा कॉलेजों को संबद्धता दे दी गई थी जबकि परिनियम 28 के सेक्शन 11 (1) (सी) स्पष्ट लिखा गया है कि किसी भी कोर्स का 1 साल पूरा होने के बाद किसी भी स्थिति में सशर्त संबद्धता नहीं दी जाएगी।
शिवशक्ति झुंडपुरा की 15 से ज्यादा शिकायतें हुई लेकिन सुनी नहीं गईं
जीवाजी यूनिवर्सिटी में शिवशक्ति कॉलेज झुंडपुरा में फर्जी नियुक्ति और थैले में कॉलेज चलाए जाने की शिकायतें 2023 से की जा रही है। शिकायतकर्ताओं के पास 15 से ज्यादा शिकायतों की पावती है इसके बावजूद जेयू प्रबंधन ने सुना नहीं, इसके बाद शिकायतकर्ता को ईओडब्ल्य की शरण में जाना पडा।
विवि पर नहीं है शिक्षकों का डाटा
प्राइवेट कॉलेजों में 28/17 के तहत जो शिक्षक नियुक्त किए है उनका डाटा यूनिवर्सिटी पर नहीं है। पहले शिक्षकों के आधारकार्ड और बैंक स्टेटमेंट मंगवाए जाएं और कार्य परिषद में रखे जाएं उसके बाद संबद्धती दी जाए। इसी मांग को लेकर बैठक का बहिष्कार किया था।
विवेक भदौरिया, कार्य परिषद सदस्य, जेयू