गोल्डन टॉवर के 2 पिलर और चटके, दहशत में रहेंगे नयी बिल्डिंग या पैसे वापिस दें बिल्डर

ग्वालियर. थाटीपुर में 10 दिन पूर्व 18 जुलाई को गोल्डन टॉवर 5 मंजिला मल्टी का पिलर ध्वस्त होने से बिल्डिंग एक ओर झुक गयी। जिससे कई फ्लैटों में दरार आ गयी है। आधी रात को प्रशासन ने रेस्क्यू कर पूरे 27 फ्लैट खाली कराये थे। मल्टी पर चेतावनी लगा दी कि यह बिल्डिंग योग्य नहीं है और उसके बाद भी बिल्डिंग के संबंध में कोई कार्यवाही की गयी है। बिल्डर मोहन बांदिल एक बार भी पीडि़त रहवासियों से नहीं मिला है। हालत यह है कि 10 दिन से यहां रहने वाले अपने दोस्तों, रिश्तेदारों व होटल में रूकने पर मजबूर हैं।
बिल्ंिडग में रहने वालों ने शुक्रवार को नगर निगम अधिकारियों से मुलाकात की है। रहवासियों ने बताया है कि बिल्डर पैसे लौटाये या नई बिल्डिंग दें। एडवोकेट एमपी सिंह कहना है कि ऐसी स्थिति में पीडि़त परिवार को कोई रिफंड दिला सकता है या फिर नये सिरिे से बिल्डिंग बनाने का आदेश दे सकता है। इससे बिल्डिंग की गुणवत्ता पर नगरनिगम को भी पार्टी बनाया जा सकता है। कोई बिल्डर पर एफआईआर के आदेश भी दे सकता है।
बिल्डर के इशारे पर ठेकेदार ने मल्टी को साधने के लिये 8 नये पिलर बनाये हैं। लेकिन वह भी खानापूर्ति के लिये बनाये जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि उनकी क्वालिटी इतनी खराब है कि वह अभी से झड़ने लगे हैं। अन्दर पुराने 2 पिलर में और क्रेक आ गये हैं। हर पिलर में सीलन है। जिस वजह लोगों का कहना है कि यदि यहां रूकते हैं तो अपनी मौत को दावत देना है।
बिल्डिंग में दरारें आ रही है बिल्डर देखने भी नहीं आया
गोल्डन टॉवर में रहने वाले परिवार रोज सुबह से शाम तक बिल्डिंग एरिया के आसपास बैठे रहते है। उनको लगता है कि अब बिल्डर आयेगा कोई राहत वाली बात करेगा। लेकिन घटना के बाद से बिल्डर मोहन बांदिल एक बार भी मिलने नहीं आया है। बल्कि मल्टी में रहने वालों का कहना है कि उनको और लोगों से पता लगा है कि बिल्डर कह रहा ािा मेरा कोई कुछ नहीं उखाड़ पायेगा। अब स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि हमारे रूपये वापिस नहीं दिये या नई बिल्डिंग बनाकर नहीं दी तो हंगामा करेंगे। बिल्डर पर एफआईआर दर्ज कराने एसपी कार्यालय का घेराव करेंगे।
बिल्डर की नेताओं, मंत्रियों से सांठगांठ है
गोल्डन टॉवर में रहने वाली शशि प्रभा का कहना है कि उन्होंने बिल्डर मोहन बांदिल से यह यह फ्लैट साल 2016 में खरीदा था। उन्होंने बैंक से 30 लाख रुपए में फ्लैट फाइनेंस कराया था। उनका लगभग 20 लाख रुपए अभी बकाया है। 16 की रात को जब ब्लास्ट के साथ पिलर ध्वस्त हुआ तो शोर हुआ कि बिल्डिंग गिरने वाली है तो हमें लगा कि जल्द से जल्द कैसे भी नीचे पहुंचे। आज 10 दिन हो गए रिश्तेदारों के घर रहते हुए। बिल्डर मोहन बांदिल के नेताओं, मंत्रियों से संबंध हैं। उनका कहना है कि मैंने तो फ्लैट बेच दिए अब मैं कुछ नहीं कर सकता। ऐसे में हम कहां जाएंगे हमारा तो पूरा घर ही उजड़ गया। हम अंतिम सांस तक बिल्डर पर मामला दर्ज कराने और सजा दिलाने के लिए लड़ेंगे। इसके लिए जल्द आंदोलन करने जा रहे हैं।