सिद्धारमैया ने दी राहुल गांधी को नसीहत, राज्यसभा सदस्य के रूप में कन्नड़ पर ही करें विचार

ऐसा लगता है कि सिद्धारमैया ने पार्टी से ज्यादा महत्त्व कन्नड़ को देना शुरू कर दिया है. सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गांधी परिवार के नज़दीकी सैम पित्रोदा व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव जनार्दन द्विवेदी को कर्नाटक से राज्यसभा भेजने पर विचार करने से मना कर दिया है.
मंगलवार को नई दिल्ली में एक मीटिंग के दौरान सिद्धारमैया ने कहा कि जबकि राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं ऐसे समय में राज्य से बाहर के व्यक्ति को कर्नाटक से राज्यसभा भेजना बुद्धिमत्तापूर्ण नहीं होगा.
बता दें कि कर्नाटक से 4 राज्यसभा सदस्य भेजे जाने हैं. जिसमें विधानसभा में अभी की संख्या को देखते हुए कांग्रेस 2 राज्यसभा सदस्य आसानी से भेज सकती है. बीजेपी एक सदस्य भेज सकती है जबकि एक सदस्य को लेकर कांग्रेस व देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस यानि जनता दल (सेक्युलर) में लड़ाई रहेगी. कर्नाटक में राज्यसभा के लिए 23 मार्च को चुनाव होने वाले हैं.
सिद्धारमैया ने जेडीएस की चौथे उम्मीदवार की मांग को ये कहकर खारिज कर दिया कि वो खुद अपना उम्मीदवार उतारेगी. 2016 में कांग्रेस ने जेडीएस के बागी विधायकों की मदद से 3 सीटें जीती ली थीं.
टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा व वरिष्ठ कांग्रेस नेता जनार्दन द्विवेदी के अलावा मीरा कुमार भी कर्नाटक से राज्यसभा में जाने के लिए प्रयासरत हैं.
लेकिन मुख्यमंत्री कर्नाटक में फैले कन्नड़ भावनाओं से वाकिफ हैं इसलिए उन्होंने पार्टी के हाई कमान को सीधे तौर पर गैर-कन्नड़ को राज्यसभा के लिए नॉमिनेट करने से मना कर दिया. सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर विचार करने के लिए सिद्धारमैया से कुछ समय देने को कहा.
विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र मुख्यमंत्री सिद्धारमैया एक दलित, एक अल्पसंख्यक व एक लिंगायत को राज्यसभा भेजना चाहते हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री के रहमान खान, जो कि राज्यसभा में अपना चार कार्यकाल पूरा कर चुके हैं व राज्यसभा के सभापति भी रह चुके हैं, वो 5वीं बार राज्यसभा जाने की कोशिश में हैं. हालांकि कांग्रेस उन्हें इस बार राज्यसभा भेजने का मन नहीं बना रही बल्कि कैबिनेट मंत्री आर रोशन बेग को नॉमिनेट कर सकती है.
बिज़नेसमैन राजीव चंद्रशेखर जो कि इससे पहले निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर सभी तीनों पार्टियों के सहयोग से 2006 और 2012 में राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं, वो इस बार बीजेपी के टिकट पर राज्यसभा जाने की कोशिश में हैं. अपने बाहरी होने के टैग को खत्म करने के लिए उन्होंने कन्नड़ में ट्वीट करना व फेसबुक पर कन्नड़ में वीडियो पोस्ट करना शुरू कर दिया है.
बीजेपी की राज्य इकाई ने राजीव चंद्रशेखर व विजय संकेश्वर के नाम की सिफारिश की है. विजय संकेश्वर भी बड़े व्यापारी हैं व कर्नाटक के मूल निवासी हैं. जबकि जेडीएस ने मंगलौर के एक इंडस्ट्रियलिस्ट बीएम फारुक को मैदान में उतारने की सोची है.

बता दें कि सभी कन्नड़ संगठनों ने मांग की है कि राज्यसभा के लिए सिर्फ किसी कन्नड़ को ही भेजा जाना चाहिए. और इस बात न सभी पार्टियों के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है.