जूनियर डॉक्टरों के बीच संभागायुक्त ने हाईकोर्ट के आदेश पढ़वाया कि आप काम पर लौट आयें, जूडॉ बोले हमें आदेश की कॉपी उपलब्ध करायें तभी वापिस लौटेंगे
ग्वालियर. राज्य सरकार की ओर से दबाव में जूडॉ की हड़ताल खत्म कराने के लिये सीनियर रेजीडेंट और इन्टर्न छात्रों के एक साथ जूनियर डॉक्टरों बैठाकर संभागायुक्त आशीष सक्सैना की मौजदूगी में जबलपुर हाईकोर्ट का आदेश पढ़ाया गया, यह सारी कवायद बेअसर रही, जूडॉ अपनी मांगों को पर अड़े हुए है उन्होंने संभागायुक्त से कहा कि आप हमें 4 सूत्रीय मांगों को मानने के लिये कहा जा रहा है तो हमें उस आदेश की प्रतिलिपि हमें उपलब्ध करा दे तो हम तत्काल अपना आन्दोलन वापिस लेकर अपनी ड्यूटी पर चले जायेंगे। लेकिन संभागायुक्त के पास बात का कोई जबाव नहीं था । इस मौके पर डीन डॉ. समीर गुप्ता और डॉ. आरकेएस धाकड़ उपस्थित रहें। जबलपुर हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जूडॉ के सदस्य 24 घंटे के अंदर आन्दोलन समाप्त कर अपने काम पर वापिस लौट जायें और राज्य सरकार भी छात्रों की मांगों के संबंध जूडा प्रतिनिधियों से चर्चा करके समाधान निकालें।
जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा जूनियर डॉक्टरों को 24 घंटे में हड़ताल समाप्त करने का आदेश दिये जाने के बाद गुरूवार की शाम को गजराराजा मेडीकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने अपनी मांगें पूरी न होने पर एकत्र होकर मेडीकल कॉॅॅलेज के डीन को अपना सामूहिक रूप से इस्तीफा सौंप दिया था। सोमवार को पूरे ग्वालियर के 500 जूनियर डॉक्टरों समेत मप्र करीब 3 हजार हड़ताल पर हैं। डॉक्टरों ने अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर गत माह भी हड़ताल की थी।
संभागायुक्त ने कड़े शब्दों में समझाया
शुक्रवार को जूड़ा का अनिश्चितकालीन हड़ताल का चौथा दिन था। सुबह से ही जेएएच में मरीजों की भीड़ लगी थी। इस पर लोग परेशान हो रहे थे। दोपहर में जूड़ा से मिलने संभागीय आयुक्त ग्वालियर आशीष सक्सेना पहुंचे। साथ में मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. समीर गुप्ता, जेएएच अधीक्षक डॉ. आर धाकड़ भी मौजूद रहे। जूनियर डॉक्टरों को लगा कि जिला प्रशासन की ओर से उनको मनाने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही कोई आश्वासन दिया जाएगा जिस पर विचारा किया जा सके। बैठक में जूडा के पदाधिकारियों सीनियर डॉक्टरों से बात कर संभाग आयुक्त ने पहले उन्हें समझाया। जब जूडा ने अपनी मांगों के बारे में कहा तो संभागायुक्त सक्सेना ने हाईकोर्ट का आदेश दिखाते हुए कहा कि अब काम पर लौट आओ तो ठीक रहेगा। नहीं तो शासन कड़ा एक्शन ले सकता है। आयुक्त ग्वालियर सक्सेना का अंदाज मनाने वाला कम धमकाने वाला ज्यादा था। इसके बाद जूडा के सदस्य आपस में चर्चा करने लगे। संभागीय आयुक्त वापस लौट आए।
जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश को जूडॉ के सामने पढ़वाया
सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर, इन्टर्न छात्रों और जूड़ॉ के सदस्यों के बीच हाईकोर्ट के आदेश को पढ़वाया गया है कि जूनियर डॉक्टरों को समझाया गया है कि वह 24 घंटे के अंदर अपना आन्दोलन समाप्त कर काम पर लौट आये।
आशीष सक्सैना, संभागायुक्त, ग्वालियर
संभागायुक्त श्री सक्सैना की मौजूदगी में जूनियर डॉक्टरों को बैठाकर पहले हाईकोर्ट का आदेश पढ़वाया गया है और समझाइश दी गयी है कि पहले आन्दोलन समाप्त कर जूडॉ के लोग काम पर वापिस लौटें और शासन भी जूनियर डॉक्टरों की मांगों हल बातचीत से निकाले। जूनियर डॉक्टरों ने कोविड-19 में अच्छा काम किया है जिसकी प्रशंसा पीएम मोदी ने भी की थी। जूनियर डॉक्टरों की मुख्य मांग स्टायफण्ड को लेकर है तो स्टायफंड को सीपीएस से जोड़ने के लिये तैयार है जैसे-जैसे महंगाई बढ़ेगी वैसे-वैसे स्टायफंड बढ़ेगा।
डॉ. समीर गुप्ता, डीन, जीआरएमसी
हमारे आन्दोलन में सीनियर डॉक्टरों का समर्थन है
जूनियर डॉक्टर एसोसियेशन के सचिव डॉ. भरत बाथम ने बताया कि हम आन्दोलन मजबूती प्रदान करने के लिये सुबह से सीनियर रेजीडेंट डॉक्टरों से समर्थन मांगा है, इन्टर्न छात्र भी हमारे साथ है। मेडीकल टीचर्स एसोसियेशन की ओर से डॉ. सुनील अग्रवाल ने हमें आश्वासन दिया है।
डॉ. भरत बाथम, सचिव, जूडॉ