टीका लगवाने सुबह 8:30 बजे जेएएच पहुंचे बुजुर्ग, डेढ़ घंटे बाद आया नंबर
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए चल रहे टीकाकरण अभियान में अव्यवस्थाएं कम होने का नाम नहीं ले रहीं। सोमवार को जहां सांसद विवेक शेजवलकर को पहला टीका लगने के कारण बुजुर्गों को इंतजार करना पड़ा था। वहीं बुधवार को जेएएच में टीका लगवाने के लिए पहुंचे लोगों को इसलिए इंतजार करना पड़ा क्योंकि जिस स्टाफ को पोर्टल पर एंट्री और वैक्सीन लगाने का जिम्मा दिया था, वह 9:30 बजे पहुंचा।
इस कारण 10 बजे से लोगों को टीका लगना शुरू हो सका। बुधवार को ग्वालियर में कुल 2986 लोगों ने सुरक्षा का टीका लगवाया। इनमें 1831 बुजुर्ग शामिल हैं। सोमवार को 1476 को टीके लगे थे। गुरुवार को भी सुबह 9 से शाम 5 बजे तक टीके लगाए जाएंगे।
हम बुजुर्ग हैं, ज्यादा देर लाइन में खड़े नहीं रह सकते
आरोग्यधाम में टीका लगवाने पहुंचे श्रीचंद पारप्यानी (70) निवासी हरिशंकरपुरम और एसपी गुप्ता (73) निवासी दर्पण कॉलोनी ने बताया, सरकारी अस्पताल में अव्यवस्था रहती है। रजिस्ट्रेशन के लिए लाइन में काफी देर खड़ा रहना पड़ता है। ऐसे में संक्रमित होने के खतरे से भी इनकार नहीं किया जा सकता। इसलिए पैसे खर्च कर टीका लगवाने आए हैं।
जेएएच: विवाद के बाद किया रजिस्ट्रेशन: जेएएच में सुबह 8:30 बजे लगभग 30 से अधिक बुजुर्ग टीका लगवाने के लिए पहुंच गए। स्टाफ ने उन्हें अंदर कुर्सियों पर बैठा दिया। 9:30 बजे जब रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ तो बाद में आए लोगों को पहला बुला लिया। इस पर अंदर बैठे बुजुर्गों ने आपत्ति जताई। मामला बिगड़ता देख अलग से काउंटर तैयार किया गया, जहां उनके रजिस्ट्रेशन किए गए। वहीं जिन बुजुर्गों का जन्म 1960 में हुआ था। पोर्टल पर उनका पंजीयन नहीं हो सका।
जिला अस्पताल: भीड़ बढ़ी तो पुलिस बुलानी पड़ी: जिला अस्पताल में भी टीका लगवाने वालों की संख्या ज्यादा और रजिस्ट्रेशन सेंटर कम होने के कारण लंबी लाइन लगी। सर्वर की स्पीड कम होने के कारण एक व्यक्ति के रजिस्ट्रेशन में 5 मिनट से ज्यादा का समय लगा। भीड़ के कारण पुलिस बुलानी पड़ी।
सिविल हॉस्पिटल: कलेक्टर ने जताई नाराजगी, फिर से शुरू हुआ टीकाकरण: सिविल अस्पताल में 1:30 बजे लंच का हवाला देते हुए टीकाकरण का पंजीयन बंद कर दिया गया। इसकी जानकारी जिला टॉस्क फोर्स की बैठक में शामिल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को लगी। उन्होंने इस पर नाराजगी जताई जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने स्टाफ को फोन किया। आनन-फानन में फिर से रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया।