गौशालाओं में 16 हजार पशु बंद फिर भी सड़कों पर घूम रहे 35 हजार, क्याेंकि नगर निगम नहीं बना पाया ग्वाला नगर
शहर की दो गौशालाओं में नगर निगम के दावे के अनुसार 16 हजार आवारा पशु बंद हैं। वहीं, पशु पालन विभाग की मानें तो शहर की सड़कों पर इस वक्त 35 हजार आवारा पशु घूम रहे हैं। सड़कों पर घूमते ये आवारा पशु न सिर्फ सड़कों और चौराहों पर खड़े होकर ट्रैफिक को बाधित कर रहे हैं बल्कि एक साल में तीन लोगों की जान भी ले चुके हैं।
इतना ही आवारा पशुओं के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में सैंकड़ों लोग घायल हो गए हैं। इसका एकमात्र कारण ग्वाला नगर का न बनना है। निगमायुक्त शिवम वर्मा का कहना है कि आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए अभियान चल रहा है। जल्द ही डेयरियों को शिफ्ट करने का काम किया जाएगा।
738 डेयरी संचालकों को नोटिस देकर की इतिश्री
हाईकोर्ट ने एसके शर्मा की जनहित याचिका पर दो फरवरी 2018 को भैंस डेयरियों को बाहर करने के आदेश दिए थे। उस वक्त नगर निगम ने ग्वाला नगर बसाने का सपना दिखाकर 738 भैंस डेयरी चलाने वालों को बाहर जाने के लिए कह दिया था। 3 साल में निगम एक भी डेयरी संचालक को बाहर का रास्ता नहीं दिखा पाया है। पिछले साल जिला प्रशासन ने 9 डेयरी संचालकों पर कार्रवाई की थी।
देखिए... शहर में कहां पर क्या हैं हालात
आमखो पुराना बस स्टैंड: यहां के डाॅ. विमलेंद्र सिंह राठौर का कहना है कि कुछ साल पहले 85 साल के बुजुर्ग को भैंस ने पटक दिया था। इससे उनकी मौत हो गई थी।
शिंदे की छावनी: यहां पर सब्जी और फल वालों के खड़े रहने से जानवर सड़कों पर ही गलियों में भी पहुंच जाते हैं। बीएसएनएल में पदस्थ आरके अग्रवाल के पिता केएल अग्रवाल अलीजाबाग में रहते थे। उन्हें सांड ने पीछे से उठाकर पटक दिया था। उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी।
शहर के चारों ओर बनने थे ग्वाला नगर
शासन ने ग्वाला नगर बसाने के लिए नगर निगम को जमीन मुफ्त में दी है। पिपरौली में 6.486 हेक्टेयर, रतवई में 4.190 हेक्टेयर, बरौआ नूराबाद में 3.564 हेक्टेयर है। अलीनगर में 5.480 हेक्टेयर मिली थी। अभी अधिकारी पिपरौली का ग्वाला नगर बसाने का दावा कर रहे हैं। हालांकि बसाहट हो नहीं पाई है।
तीन ट्रोला वाहन और 21 का स्टाफ तैनात: निगम में आवारा गाय और सांड को पकड़ने के लिए तीन ट्रोला वाहन है। इसके लिए 21 कर्मचारी तैनात है। शहर में 35 हजार आवारा पशु हैं। तब भी ट्रोला वाहन में कम पशु ही लदे नजर आते हैं।