चीन पर भारत पैनी नजर, पूर्वी लद्दाख में 50 हजार जवान तैनात

नई दिल्ली. चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारतीय सेना अपनी ताकत में इजाफा करने जा रही है। सेना ने आधुनिक गश्ती नौकाओं को खरीदने के प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया गया है। इन नौकाओं के आने के बाद जवानों के लिये चीन की हरकत पर नजर रखना आसान हो जायेगा। सेना ने बताया है कि नई आधुनिक नौकाओं का उपयोग पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील सहित बड़े जलाशयों की निगरानी के लिये किया जायेगा। इससे पहले भी चीनी सेना को मुंहतोड़ जवाब देने के लिये भारतीय सेना ने कई कदम उठाये हैं।

12 वोट का हुआ करार

भारत और चीन मई की शुरूआत से पूर्वी लद्दाख को लेकर आमने -सामने हैं। दोनों देशों में अभी तक कई राउण्ड बातचीत हो चुकी है। लेकिन कोई खास लाभ नहीं हुआ है। ऐसे में सेना ने स्वयं को मजबूत करना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में आधुनिक गश्ती नौकाओं की खरीद को मंजूरी दी गयी है। सेना नेबतायाकि उसने सरकारी क्षेत्र के उपक्रम गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के साथ करार पर हस्ताक्षर किये हैं। यह करार 12 गश्ती नौकाओं के लिये किया गया हैं।

लद्दाख की पहाडि़यों पर डटे 50 हजार सैनिक

कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि गोवा में इन नौकाओं का निर्माण किया जायेगा और विशेष सुविधाओं के साथ यह दुनिया की चुनिंदा नौकाओं में शामिल होंगी । आपको दें कि भीषण ठण्ड केबावजूद चीन से मुकाबले के लिये भारतीय सेना पूर्वी लद्दाख में विभिन्न पहाडि़यों पर लगभग 50,000 से अधिक सैन्य कर्मियों को तैनात किया है। सेना ने बताया कि चीन ने भी इतने ही सैनिकों की तैनाती की हैं।

पैंगोंग झील रणनीतिक लिहाज से खास है

भारत और चीन ने बातचीत प्रक्रिया चालू रखी है। ताकि विवाद का शांतिपूर्ण ढंग से हल निकाला जा सके। लेकिन चीन हर बार उकसावे की कार्यवाही करके बातचीत की गाड़ी को पटरी से उतार देता है। जिस पैंगोंग झील और आसपास के इलाके की निगरानी केलिये भारतीय सेना अत्याधुनिक नौकांयें खरीद रही है। उसे रणनीतिक लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। भारत ने मई की शुरूआत में गतिरोध शुरू होने के बाद से झील के आसपास निगरानी बढ़ा दी है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच 5 मई को पैंगोंग झील वाले इलाके में हिंसक झड़प हुई थी। इसके बाद 9 मई को उत्तरी सिक्किम में इसी तरह की घटना हुई थी।