सम्मानजनक भागीदारी मिली तो गठबंधन,नहीं तो अकेले दम पर लडा जायेगा चुनाव -मायावती
नई दिल्ली। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं व नेताओं को अनुशासन का पाठ पढ़ाने के बाद कांग्रेस नेताओं को भी गलत बयानबाजी से बचने की सलाह दी है। मंगलवार को आयोजित प्रेस कॉफ्रेंस में गठबंधन की संभावनाओं पर बात करते हुए बसपा सुप्रीमो ने कहा कि सम्मानजनक हिस्सेदारी मिलने पर ही वह गठबंधन पर विचार करेंगी।
गठबंधन धर्म का पालन करने की नसीहत देते हुए बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस आलाकमान से राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में नेताओं द्वारा बसपा के खिलाफ की जा रही बयानबाजी पर लगाम लगाने को कहा। बसपा के दो वरिष्ठ नेताओं को गलत बयानबाजी पर पार्टी से बाहर का रास्ता देखने की घटना का उल्लेख करते हुए मायावती ने कहा कि यह नियम अन्य दलों पर भी लागू होता है। बसपा सुप्रीमो मायावती के बयान पर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने विचार करने की बात कही है. कांग्रेस ने कहा कि मायावती के बातों पर विचार किया जाएगा. हालांकि कांग्रेस की तरफ से यह दावा है कि चुनाव के दौरान बसपा के साथ गठबंधन होना तय है. लेकिन प्रदेश कांग्रेस ने यह कहा कि अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान करेगा.
दरअसल, इस साल के अंत तक मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों में होने वाले चुनावों में गठबंधन को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती ने साफ संदेश देते हुए कहा है कि उचित और सम्मानजनक हिस्सेदारी मिलने पर ही वो गठबंधन करेंगी.
मायावती ने कहा कि हाल के दिनों में महागठबंधन को लेकर जिस तरह की चर्चाएं हो रही हैं, उन्हें स्पष्ट करने की जरूरत है. खास तौर पर जो कांग्रेस नेता मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीएसपी के साथ गठबंधन को लेकर बयान दे रहे हैं, वो इसे बंद करें.
मायावती ने इस बात के भी संकेत दिए कि बीएसपी इस साल के अंत में होने वाले राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ चुनाव में अकेले दम पर सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर रही है। वहीं इस मामले में बीजेपी ने कांग्रेस के बसपा से संभावित गठबंधन पर तंज कसा है। बीजेपी का कहना है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस कमजोर है, यही वजह है कि बसपा अब कांग्रेस पर सीटों को लेकर दबाव बना रही है।