ज्योतिरादित्य सीएम कैंडिडेट बने तो मुझे खुशी होगी: कमलनाथ
भोपाल। छिंदवाड़ा सांसद एवं पूर्व मंत्री कमलनाथ का कहना है कि सीएम कैंडिडेट के लिए मेरा दावा बरकरार है, लेकिन यदि ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम कैंडिडेट घोषित किया जाता है तो मुझे खुशी होगी और मैं पूरी तरह से उनका साथ दूंगा। बता दें कि कोलारस मुंगावली उपचुनाव में जीत के बाद सिंधिया को सीएम कैंडिडेट बनाए जाने की मांग तेज हो गई है।
एक अंग्रेजी अखबार को दिए एक इंटरव्यू में कमलनाथ ने कहा कि वह खुद के सीएम की रेस में रहने से इंकार नहीं करते, लेकिन वह इसके लिए भूखे नहीं हैं. कमलनाथ ने कहा, ज्योतिरादित्य के सीएम कैंडिडेट बनने पर वाकई मुझे कोई आपत्ति नहीं है. यदि ऐसा होता है तो मैं इसका स्वागत करूंगा.’ क्या वे मुख्यमंत्री पद की दावेदारी से बाहर जा रहे हैं, इस सवाल पर कमलनाथ ने कहा, ‘मैं अपने को इससे बाहर नहीं कर रहा, लेकिन मैं इसके लिए भूखा नहीं हूं. जिसकी भी घोषणा होगी, मैं उसका साथ दूंगा. कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश में कृषि की हालत खराब है, जबकि राज्य में 75 फीसदी लोग प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से खेती में लगे हैं. वहां की अर्थव्यवस्था खेती पर निर्भर है. पैदावार भले बढ़ जाए, लेकिन असल सवाल यह है किसान के हाथ में इसकी कितनी कीमत पहुंच रही है. भावांतर योजना से भी किसानों को प्रति क्विंटल 250 से 300 रुपये का नुकसान हो रहा है. कोई भी किसान इससे खुश नहीं है. फसल बीमा की योजना तो अनर्थकारी है. किसी भी किसान को बीमा का फायदा नहीं मिला, जबकि बीमा कंपनियों ने मुनाफा कमाया है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से समाज का हर वर्ग नाखुश है. बेरोजगारी चरम पर है. यहां तक कि जिन नौकरियों में लोग रिटायर हो जा रहे हैं, उन्हें भरा नहीं जा रहा. जि ज्यादा नौकरी सृजित की गई, उससे ज्यादा खत्म हुई है. व्यापारी जीएसटी एवं नोटबंदी से नाराज हैं. सरकारी कर्मचारी हाथ में कटोरा लेकर सरकार का विरोध कर रहे हैं. राज्य सरकार की कोरी बयानबाजी की राजनीति उजागर हो गई है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस की हालत पर कमलनाथ ने कहा कि ऐसी धारणा है कि राज्य के नेताओं के बीच आंतरिक घमासान चल रहा है. मुझे लगता है कि यह धारणा मीडिया ने बनाई है. मुझे नहीं लगता कि हमारे नेताओं में किसी भी तरह से एकता का अभाव है. हमारे बीच समन्वय है और अगले महीनों में इसमें और सुधार होगा. हमें अपना घर ठीक रखना है और हम ऐसा कर रहे हैं. इसके लिए यह भी जरूरी है कि सीएम कैंडिडेट की जल्द घोषणा हो. उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह की नर्मदा यात्रा से निश्चित रूप से पार्टी को फायदा होगा. इससे कार्यकर्ताओं में एकजुटता आई है. लोग समर्थन में आए हैं. उन्होंने जबर्दस्त काम किया है. दिग्विजय सिंह सीएम कैंडिडेट होंगे या नहीं इस सवाल पर कमलनाथ ने कहा, ‘मैं इसके बारे में कुछ नहीं बता सकता, इसका जवाब राहुल गांधी ही दे सकते हैं.’
कमलनाथ ने कहा कि 2019 के आम चुनाव में राहुल गांधी कांग्रेस के चेहरा होंगे, बीजेपी उनके बारे में कितना भी दुष्प्रचार क्यों न करे. कमलनाथ ने कहा, ‘हमें भूलना नहीं चाहिए कि साल 2004 में श्रीमती सोनिया गांधी को कितना बदनाम किया गया था. सुषमा स्वराज ने कहा था कि वह सिर मुड़ा लेंगी, किसी ने कहा कि वह राजनीति छोड़ देगा. सोनिया जी के सामने वाजपेयी जैसे लोकप्रिय नेता थे, लेकिन आखिर उन्होंने वाजपेयी जी को घर बिठा दिया. यही भारतीय मतदाता है, बीजेपी को यह बात नहीं भूलनी चाहिए. मुझे लगता है कि राहुल गांधी 2019 के चुनाव में कांग्रेस के बहुत ही प्रभावी और मजबूत चेहरा होंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने 2014 के चुनाव से पहले जो वादे किए थे, उन पर हाल के महीनों में उसका पूरी तरह से भंडाफोड़ हो गया है. लोगों में काफी बेचैनी है. अब बीजेपी को समर्थन देने वाला उत्साह खत्म है. इस बार मतदाता काफी स्मार्ट हो गया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को बाहर करने के लिए 2019 में राहुल के नेतृत्व में एक अच्छा गठबंधन तैयार हो सकता है. यह चुनाव पूर्व या चुनाव बाद हो सकता है.