शताब्दी में वेंडराें को खुली छूट, मास्क भी नहीं लगा रहे

रेलवे अब खुद काेराेना वायरस के संक्रमण काे आमंत्रित कर रहा है। उदाहरण है नई दिल्ली से हबीबगंज के बीच चलने वाली शताब्दी एक्सप्रेस। इस ट्रेन में आईआरसीटीसी ने बड़ी संख्या में वेंडर तैनात कर रखे हैं। जो पैक्ड फूड, पानी और चाय लेकर यात्रियों के पास सीट पर पहुंच रहे हैं। न ताे ये मास्क लगाते हैं और न ही बार-बार हाथ सेनिटाइज करते हैं।

इस कारण यात्रियाें में डर है। शुक्रवार को शताब्दी में ग्वालियर से भोपाल के लिए सफर करने वाले यात्रियाें ने इस पर आपत्ति की। यात्रियाें ने साेशल मीडिया के जरिए पीएमओ और रेल मंत्री के संज्ञान में ये मामला लाया है। उधर, मामले में रेलवे के अफसर भी असहाय दिखे। प्रयागराज जोन के सीपीआरओ अजीत कुमार सिंह ने कहा, यात्रियों की सुविधा के लिए लंबी दूरी की ट्रेनों में पेंट्रीकार में आईआरसीटीसी ने पैक्ड फूड बेचने की मंजूरी दी है। वेंडर यदि बिना मास्क लगाए सामान बेच रहे हैं तो ये गंभीर विषय है। इस पर कार्रवाई की जाएगी।

मास्क जरूरी... लेकिन रेलवे का स्टाफ ही उपयोग नहीं कर रहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेलवे के निर्देश हैं कि जब तक कोरोना संक्रमण को रोकने वैक्सीन नहीं आ जाती, रेलवे का स्टाफ कोविड नियमों का पालन करे और मास्क लगाए, लेकिन शताब्दी एक्सप्रेस में स्टाफ ही मास्क लगाने से बच रहा है।

थर्मल स्क्रीनिंग... रिकॉर्ड तो हो रहा तापमान पर मॉनीटरिंग नहीं

ग्वालियर स्टेशन पर वॉक थ्रू थर्मल स्क्रीनिंग मशीन में यात्रियों के दर्ज होने वाले तापमान की मॉनीटरिंग के लिए कोई स्टाफ शुुक्रवार को नहीं था। जबकि आरपीएफ की जिम्मेदारी तय की गई है। सेनिटाइजेशन मशीन पूछताछ केंद्र वाले हॉल में लगाने से उसे यात्री देख ही नहीं पाते।

कोरोना का डर... इसलिए खाली चल रही शताब्दी

गुरुवार को शताब्दी में ग्वालियर से भोपाल रूट पर 105 सीटें खाली थीं, लेकिन शुक्रवार सुबह 8:32 बजे 735 सीटें खाली दिखीं। शुक्रवार को 138 यात्रियों ने टिकट बुक की और 31 ने ऐनवक्त पर यात्रा रद्द कर दी।