बिहार में छूट तो मप्र के एक हिस्से में चुनावी सभा पर रोक, यह कैसा विधान : शिवराज

उप चुनाव के प्रचार के बीच मप्र के एक हिस्से में चुनावी सभाओं पर हाईकोर्ट की रोक के बाद सियासत तेज हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कहा कि प्रदेश के एक हिस्से में रैली व सभा हो सकती है, दूसरे हिस्से में नहीं। बिहार में सभाएं हो रही हैं, रैलियां हो रही हैं, लेकिन यहां रोक है।

ये कैसा विधान है। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने चुनाव आयोग की अनुमति पर ही सभाएं कराने का फैसला दिया है। भाजपा इसी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी। शिवराज की गुरुवार को अशोकनगर के शाढ़ोरा और भांडेर के बसवाहा की सभाएं इसी वजह से निरस्त हुईं। उन्हें 48 घंटे पहले रिटर्निंग ऑफिसर से मंजूरी लेनी थी। यहां तमाम तैयारियां हो गईं थीं।

बाद में शिवराज ने इसके लिए लोगों से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि हम माननीय न्यायालय व फैसले का सम्मान करते हैं। एक देश में दो विधान जैसी स्थिति हो गई है। सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं। इसके बाद ग्वालियर पूर्व से भाजपा प्रत्याशी मुन्नालाल गोयल व अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दे दी। उनकी याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है।

दोपहर तक नहीं मिली सभा की अनुमति

इधर, भाजपा प्रत्याशी जजपाल सिंह जज्जी का कहना है कि सीएम की शाडोरा (अशोकनगर) की सभा पहले से निर्धारित थी। बुधवार को हमने रिटर्निंग अधिकारी को परमिशन के लिए आवेदन दिया था। सभा सुबह 11 बजे से थी, दोपहर 1 बजे तक अनुमति नहीं मिली।

दूसरी ओर, हाईकोर्ट के नए आदेश के बाद केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को ग्वालियर-चंबल की ज्यादातर सभाएं निरस्त करनी पड़ी। ज्योतिरादित्य सिंधिया की भी मेहगांव के रौन और गोहद के बाराहेड की सभा निरस्त हो गईं, लेकिन सिंधिया ने रोड-शो किया। सीएम ने डबरा के टेकनपुर और शाम को ग्वालियर पूर्व विस में सभा की।

असमंजस में रिटर्निंग अधिकारी: हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन असमंजस में दिख रहा है। अशोकनगर और दतिया कलेक्टर ने स्टार प्रचारक की सभा के लिए 48 घंटे पहले आवेदन न मिलने की बात कहते हुए सभा की अनुमति देने से इनकार कर दिया।

वहीं भिंड कलेक्टर ने हाईकोर्ट के आदेश के कारण पूर्व से ली गई अनुमतियों को स्वत: ही निरस्त मानते हुए और चुनाव आयोग से अनुमति न आने के कारण सिंधिया की सभा के लिए अनुमति नहीं दी। वहीं ग्वालियर एडीएम किशोर कान्याल ने गुरुवार की शाम ग्वालियर पूर्व और डबरा के टेकनपुर में हुई सभाओं के बारे में कहा कि यह अनुमतियां पहले ही ले गई थी, इसलिए इस पर हाईकोर्ट के नए आदेश का असर नहीं है।

बिना आवेदन अनुमति नहीं: स्टार प्रचारकों की सभा की अनुमति के लिए चुनाव आयोग का नियम है कि 48 घंटे पहले अनुमति के लिए आवेदन करना होता है। बसवाहा गांव में सभा के लिए भाजपा की ओर आवेदन बुधवार की शाम को आया था। इसलिए सभा की अनुमति नहीं दी गई।

- बी विजय दत्ता, कलेक्टर व रिटर्निंग अधिकारी, दतिया

देर से आवेदन दिया था: सभा की परमिशन लेने देर से आवेदन दिया गया, इसलिए अनुमति नहीं मिल पाई।

- अभय वर्मा, कलेक्टर व रिटर्निंग अधिकारी, अशोकनगर