‘योगी राज में निशाने पर ब्राह्मण’, पूर्व MLA की ‘हत्या’ से और तीखे हुए आरोप

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में तीन बार विधायक रहे निर्वेंद्र कुमार मिश्रा की मौत को लेकर सियासत तेज हो गई है. प्रशासन का कहना है कि पूर्व विधायक की मौत पिटाई से नहीं बल्कि जमीन कब्जेदारी के दौरान गिरने से हुई है. वहीं, परिजन विधायक की मौत को हत्या बता रहे हैं. ब्राह्मणों के मुद्दे पर सूबे की योगी सरकार पहले से ही बैकफुट पर थी और ऐसे में निरेंद्र कुमार मिश्रा की मौत से विपक्ष के हाथ एक बड़ा मुद्दा लग गया है. विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद विपक्ष सूबे की योगी सरकार को दबी जुबानी से ब्राह्मण विरोधी बताने में जुटा था, वो अब इस मामले को लेकर खुलकर सरकार को घेरने की कवायद में है.

पूर्व विधायक की मौत पर विपक्ष ने प्रदेश की योगी सरकार पर हमला बोला है और कहा कि यूपी का जंगलराज भयावह हो रहा है. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक मिश्रा का कहना है कि योगी सरकार सो रही है और अब तो सूबे में आम आदमी नहीं बल्कि जनप्रतिनिधि भी सुरक्षित नहीं है. कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है. अपराधियों के हौसले बुलंद हैं, जिसके चलते तीन बार के विधायक निरेंद्र मिश्रा की सरेआम हत्या कर दी गई और पुलिस उसे सामान्य मौत बता रही है जबकि अभी तक पोस्टमार्टम की रिपोर्ट तक नहीं आई है. पीड़ित परिजनों के जख्मों पर मरहम लगाने की बजाय नमक छिड़का जा रहा है. इससे शर्म की बात और क्या होगी?

उन्होंने कहा कि सूबे में एक विशेष जाति के आम लोगों की नहीं बल्कि अब तो पूर्व विधायक की जिस तरह से हत्याएं हो रही हैं, उससे साफ जाहिर है कि यह सरकार पूरी तरह से ब्राह्मण समुदाय की जान माल की सुरक्षा करने में फेल है. ब्राह्मण समाज के लोगों का फोन आता है तो वह इस बात का जिक्र करते हैं कि हमारे समाज के लोग इस वक्त आइसोलेट फील कर रहे हैं. अभिषेक मिश्रा कहते हैं कि सूबे में ब्राह्मण समुदाय की बड़ी आबादी है जो सूबे की राजनीतिक दशा और दिशा तय करते हैं. सरकार का ब्राह्मणों के प्रति यही रवैया रहा तो आने वाले चुनाव में समाज इसका सारा जवाब मांगेगा. सपा सरकार के वक्त हम पर बीजेपी वाले जातिवादी होने का आरोप लगाते थे, लेकिन इस वक्त कितना जातिवाद है ये किसी से छुपा नहीं है.

वहीं, कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि तीन बार के पूर्व विधायक निवेंद्र मिश्रा की निर्मम हत्या कर दी गई. यूपी में कानून का राज खत्म सा हो गया है और अपराध प्रदेश बन गया है. सूबे में आए दिन चोरी, हत्या, लूट, बलात्कार जैसी घटनाएं आम हो रही है. वह कहती हैं कि योगी सरकार में ब्राह्मण, दलित और महिलाओं को खासकर निशाना बनाया जा रहा है. सूबे में यह आवाज भी उठ रही है कि ब्राह्मणों की जान माल की सुरक्षा करने में सरकार पूरी तरह से असफल है जबकि बीजेपी की सरकार बनवाने में इस समुदाय की अहम भूमिका रही है.

यूपी में इन दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह भी जातिवाद के बुनियाद पर घेरने में जुटे हैं. पूर्व विधायक की हत्या के बाद लखीमपुर पहुंचकर संजय सिंह ने परिजनों से मुलाकात की और योगी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि विधायक की सरेआम हत्या कर दी गई और सीओ की दुस्साहस देखिए कि घर में घुसकर विधायक की पत्नी को पीटा और अपराधियों को छुड़ाकर ले गए. यूपी में कानून के राज की बजाय गुंडो और अपराधियों का राज कायम है. एक बार फिर कहूंगा कि सूबे में एक जाति विशेष के लोगों की हत्या हो रही है और उसी कड़ी में निवेंद्र मिश्रा की भी सरेआम हत्या की गई है.

वरिष्ठ पत्रकार काशी प्रसाद यादव कहते हैं कि सूबे की सरकार में और प्रशासन में ब्राह्मण समुदाय के लोगों का अच्छा खासा प्रतिनिधित्व है. इसके बावजूद हाल की कुछ घटनाओं को लेकर विपक्ष लगातार ब्राह्मण समुदाय के मुद्दे पर योगी सरकार को घेरने में जुटा है. विकास दुबे के अपराधी होने के नाते विपक्षी दल खुलकर आने से बच रहे थे, वो इस मामले को लेकर योगी सरकार को ब्राह्मण विरोधी कठघरे में खड़े करने में जुट गया है. कानून व्यवस्था के मामले पर सरकार बैकफुट पर है. ऐसे में विपक्ष को एक मुद्दा हाथ लग गया है, लेकिन इस जरिए ब्राह्मण समुदाय को साधने में कितना कामयाब होंगे यह तो चुनावी मैदान में ही बता चल पाएगा.

वहीं, बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि पूर्व विधायक की मौत बहुत दुखद है. ऐसे में सरकार ने साफ कर दिया है कि जो भी लोग इस मामले में जिम्मेदार हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. इसे ब्राह्मण समुदाय से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि एक दुखद घटना है. आज जो लोग सरकार को ब्राह्मण विरोधी बता रहे हैं वो सत्ता में रहते हुए किस तरह का सलूक किया वो भी जगजाहिर है.

बता दें कि लखीमपुर खीरी के संपूर्णानगर इलाके के त्रिकोलिया गांव के रहने वाले पूर्व विधायक निर्वेन्द्र कुमार मुन्ना विधानसभा निघासन से तीन बार विधायक रहे हैं. निर्वेन्द्र कुमार मिश्र जिन्हें रविवार को दबंगों ने जमीनी विवाद को लेकर लाठी-डंडों से पीटकर मौत के घाट उतार दिया. पूर्व विधायक के पुत्र संजीव मुन्ना ने बताया की जमीन पर केस चल रहा था लेकिन कुछ लोगों ने जबरदस्ती कब्जा करने की कोशिश की, इस दौरान मना करने पर विवाद हो गया. जिसमें लाठी-डंडे चलने लगे और विधायक की मौत हो गई. इस मारपीट में संजीव मुन्ना को भी चोटें आई हैं.

यूपी पुलिस के एडीजी एसएन सावंत ने बताया कि पूर्व विधायक की हत्या के मामले में नामजद दो लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका की भी जांच कराई जाएगी, चाहे किसी स्तर का अधिकारी इसमें शामिल हो उनको बख्शा नहीं जाएगा. वहीं, पूर्व विधायक की मौत के मामले में लखनऊ रेंज आईजी लक्ष्मी सिंह ने कहा कि पूर्व विधायक की मौत पिटाई से नहीं बल्कि जमीन कब्जेदारी के दौरान गिरने से हुई है.

हालांकि, इस पूरे मामले में पूर्व विधायक के परिवार द्वारा पलिया सर्किल के सीओ कुलदीप कुकरेती के खिलाफ षड्यंत्र कर जमीन कब्जा करने का आरोप लगाया गया था. साथ ही पूर्व विधायक की पत्नी ने सीओ कुकरेती के द्वारा पिटाई और अभद्रता करने का आरोप भी लगाया है. इस आरोप के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा गया, जिसके चलते पुलिस के आला अधिकारियों ने पलिया क्षेत्र के सीओ कुलदीप कुकरेती को लखीमपुर जिला पुलिस मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है.