UP Election Results 2020: यूपी में मोदी-योगी ने आखिर कैसे निकाली अखिलेश के MY समीकरण की काट!
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election Results 2022) के अब तक आए नतीजों और रुझानों में सत्ताधारी बीजेपी (BJP Seats in UP) एक बार फिर प्रचंड जीत हासिल करती दिख रही है. इन नतीजों से पहले यह माना जा रहा था कि मुख्य विपक्षी दल यानी समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव अपने मुस्लिम-यादव वोटबैंक के सहारे कड़ी टक्कर देंगे. हालांकि खबर लिखे जाने तक आए रुझानों में सपा गठबंधन महज 136 सीटों पर ही आगे चल रही थी. यूपी चुनाव के इन नतीजों से एक बात तो साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मैजिक के आगे अखिलेश का फॉर्मूला फेल हो गया.
वैसे अब तक के चुनावी रुझानों और नतीजों पर गौर करने से एक बात तो साफ है कि अखिलेश यादव का मुस्लिम-यादव वोटबैंक मजबूत बना हुआ है, लेकिन बीजेपी के MY समीकरण (महिलाएं और सरकारी योजनाएं) के आगे यह काम नहीं कर पाया. अपने इसी MY समीकरण के सहारे बीजेपी यूपी की गद्दी पर दोबारा बैठती दिख रही है.
यूपी में कानून-व्यवस्था की कायल महिलाएं
उत्तर प्रदेश की चुनावी यात्रा के दौरान News18 की टीम ने मतदाताओं के मन को टटोलने की कोशिश की. इस दौरान जो बात खुलकर सामने आई वह यह कि लोगों को योगी आदित्यनाथ सरकार से शिकायतें तो थीं, लेकिन राज्य में कानून-व्यवस्था की लगभग सभी लोग तारीफ कर रहे थे. बीजेपी के लिए यह सुधरी कानून-व्यवस्था महिला वोटरों को अपने पक्ष में करने में बड़ा हथियार साबित हुई.
पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी सहित बीजेपी के तमाम बड़े नेता अपनी चुनावी रैलियों में लोगों को पिछली सपा सरकार के दौरान कथित ‘जंगलराज’ की याद दिलाते हुए राज्य में ‘राम राज्य’ लाने का दावा करते थे.
यूपी की कानून-व्यवस्था ने महिला वोटरों को किस कदर प्रभावित किया उसे बुंदेलखंड जिले के झांसी स्थित शंकरगढ़ गांव की खुशबू राजपूत की बातों से समझा जा सकता है. 19 साल की खुशबू कहती हैं, ‘अभी पूरे गांव की लड़कियां जाती हैं बाहर पढ़ने, पहले एक भी नहीं जाती थीं, यहां तक कि गांव के स्कूल में भी कम जाती थीं पढ़ने… अब बाहर जा रही हैं क्योंकि सेफ्टी है इसलिए…’
यूपी की मौजूदा कानून-व्यवस्था की तारीफ करने वाली खुशबू अकेली नहीं हैं. यहां गांवों से लेकर शहरों तक हमें इस मामले में बीजेपी सरकार की तारीफ करने वाली कई महिलाएं मिलीं.
योगी सरकार की योजनाओं ने भी वोटरों को खूब रिझाया
उत्तर प्रदेश के ये विधानसभा चुनाव कोरोना वायरस महामारी के कारण बढ़े आर्थिक संकट के बीच हुए. इस दौरान वोटरों में रसोई गैस सिलेंडर, खाने के तेल और पेट्रोल-डीजल जैसी जरूरी चीज़ों के बढ़े दाम को लेकर चिंता और नाराजगी दिख रही थी. हालांकि इसके बावजूद केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई गईं कुछ बड़ी राहत योजनाओं ने बीजेपी की उम्मीदों की लौ को रोशन बनाए रखा. इनमें मुफ्त राशन, पीएम किसान स्कीम, पीएम आवास योजना के तहत मकान और स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण जैसी योजनाओं ने यूपी की कुर्सी तक बीजेपी की राह आसान कर दी.
योगी आदित्यनाथ सरकार की मुफ्त राशन स्कीम के जरिये कुल 15 करोड़ लाभार्थियों को राशन दिया गया. बीजेपी अपनी इस योजना को देश के इतिहास की सबसे बड़ी मुफ्त राशन स्कीन बताती है. ऐसा प्रतीत होता है कि इस योजना ने घर का जिम्मा संभाल रही गरीब महिलाओं को बड़ी राहत दी, जिन्होंने बीजेपी के पक्ष में जमकर मतदान किया.
फिरोजाबाद की चूड़ी निर्माता सोनकली देवी कहती हैं, ‘राशन मिला है. कमल बढ़िया है. दो बार मिल रहा है.’ सोनकली शंखवार कोरी जाति से ताल्लुक रखती हैं, जो अनुसूचित जातियों की श्रेणी में आती है. वहीं गाजीपुर के शकरतली गांव में ओबीसी जाति से आने वाली मालती देवी भी बीजेपी की इन योजनाओं से खासी प्रभावित दिखीं. उन्होंने कहा, ‘किसानों के बैंक खाते में 6000 रुपये मिल रहे हैं. शौचालय बन गए हैं. हमें मुफ्त राशन भी मिल रहा है.’
हालांकि मालती की बातों में बेरोजगारी को लेकर चिंता दिखी. वह कहती हैं, ‘बेटा पढ़ा लिखा है और नौकरी नहीं है, बेटे की नौकरी लग जाए तो ठीक रहे. घर पर बैठा रहता है नौकरी के बिना.’
गाजीपुर में ही हमारी मुलाकात सविता से हुई. वह भी बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई को लेकर नाराज़ थीं, लेकिन वह सपा को वोट देने की इच्छुक नहीं दिखीं. वह कहती हैं, ‘महंगाई है, बेटे के पास नौकरी नहीं है, लेकिन कहां जाएंगे, ये सरकार कुछ तो की है, एसपी गुंडा पार्टी है
एग्जिट पोल में भी कुछ ऐसी ही तस्वीर
महिलाओं के इस रुख की बानगी एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में भी दिखती है. इस पोल के मुताबिक, बीजेपी और सपा के बीच एक सबसे बड़ा अंतर महिला वोटरों का है. महिलाएं असाधारण रूप से भाजपा के पक्ष में दिखीं, जहां पुरुष मतदाताओं के मामले में दोनों दलों के बीच 4% का अंतर पाया गया, वहीं महिला वोटरों के मामले में यह अंतर 16% का हो जाता है.’
एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक, राज्य में जहां 32 फीसदी महिलाएं सपा गठबंधन के पक्ष में दिखीं, वहीं बीजेपी नीत एनडीए के पक्ष में 48 फीसदी महिलाओं का झुकाव दिखा.