चुनावी महाभारत में कमलनाथ के सारथी बनेंगे दिग्विजय
मप्र में अलग-अलग नेताओं के गुट में दिग्विजय सिंह का गुट सबसे मजबूत माना जाता है। आज भी मप्र में कांग्रेस के जितने विधायक हैं, उनमें सबसे ज्यादा समर्थक दिग्विजय सिंह के हैं। नर्मदा परिक्रमा और एकता यात्रा को मप्र विधानसभा चुनाव की सफतला के लिए बड़ा आधार माना जा रहा है। दिग्विजय सिंह अब पूरी तरह मप्र विधानसभा चुनाव पर फोकस करेंगे। सोनिया गांधी के इलाज के लिए विदेश जाने के पहले राहुल गांधी ने उन्हें प्रभारी के तौर पर आंध्रप्रदेश के प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। गौरतलब है कि उन्हें मप्र विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव समन्वय समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। बतौर समन्वय समिति के अध्यक्ष उन्होंने पहली बैठक कर अपनी यात्रा का एलान कर दिया है। जो 31 मई से ओरछा से शुरू कर पूरे प्रदेश में करने जा रहे हैं। एक तरह से आगामी विधानसभा चुनावों में दिग्विजय सिंह चुनावी महाभारत में कमलनाथ के सारथी के तौर पर नजर आएंगे। मप्र कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ को विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की नैया पार लगाने के लिए दिग्विजय सिंह का भरपूर साथ मिलने वाला है। कांग्रेस आलाकमान ने दिग्विजय सिंह को राष्ट्रीय महासचिव के तौर पर आंध्रप्रदेश के प्रभार से मुक्त कर दिया है। सोनिया गांधी के इलाज के लिए राहुल गांधी के विदेश जाने के पहले ये आदेश जारी कर दिए गए हैं। कांग्रेसी सूत्रों की मानें तो 31 मई से मप्र चुनाव के मद्देनजर दिग्विजय सिंह एकता यात्रा की शुरूआत करने जा रहे हैं। इसी यात्रा को लेकर और मध्यप्रदेश चुनाव को लेकर उन्होंने आलाकमान से अन्य प्रभारों से मुक्त करने का निवेदन किया था। आलाकमान भी मप्र में दिग्विजय सिंह के जनाधार और अनुभव का फायदा इन चुनावों में चाहती है।