कठुआ-उन्नाव रेप केसः 50 सरकारी अफसरों ने पीएम मोदी को लिखा ओपन लेटर

देश के हर कोने में कठुआ और उन्नाव में रेप की घटना को लेकर लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच 50 रिटायर नौकरशाहों ने प्रधानमंत्री को एक खुला खत लिखा है, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को इन मामलों की 'भयावह स्थिति' के लिए जिम्मेदार ठहराया है.

इस पत्र में कड़े शब्दों में इन घटनाओं की निंदा की गई है और कहा है कि सरकार लोगों द्वारा दी गई मूलभूत जवाबदेही तक को निभाने में असफल रही है.

इस पत्र में यह भी कहा गया है कि हमारे संविधान द्वारा जिन धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक और उदार मूल्यों की जो बात कही गई है, उसमें गिरावट आ रही है.

एनडीटीवी के मुताबिक, इस खुले पत्र में यह भी कहा गया है कि एक आठ वर्षीय बच्ची के साथ रेप और निर्मम हत्या से पता चलता है कि हमारा स्तर कितना गिर चुका है. आजादी के बाद यह हमारे लिए सबसे काला समय है और हम यह पाते हैं कि हमारे राजनीतिक दल, सरकार और उसके नेता कितने कमजोर हैं.

इस पत्र में नौकरशाहों को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा गया है कि वह अपनी ड्यूटी निभाने में भी फेल रहे हैं.

पत्र में रिटायर नौकरशाहों ने प्रधानमंत्री को कहा कि यह दो घटनाएं सामान्य अपराध नहीं है, जो कि समय के साथ सही हो जाएंगी. इन घटनाओं ने हमारे सामाजिक ताने-बाने पर गहरा घाव किया है. हमें जल्द ही अपने समाज के राजनीतिक और नैतिक ताने-बाने को ठीक करना होगा. यह समय हमारे अस्तित्व के संकट का समय है.

पत्र में आगे प्रधानमंत्री को कहा 'भले ही आपने (प्रधानमंत्री) इस घटना की निंदा की है और इसे शर्मनाक बताया है, लेकिन आपने ना ही इसके पीछे काम कर रही सांप्रदायिकता की भावना की निंदा की और ना ही इसे दूर करने के लिए किसी तरह के सामाजिक, राजनीतिक या प्रशासनिक संकल्प दिखाया, जिसके तहत इस तरह की सांप्रदायिक पैदा होती है.'