बीजेपी में जारी दलित नेताओं का विरोधी सुर, अब उदित राज ने बुलंद की आवाज़
भारत बंद आंदोलन के बाद बीजेपी के अंदर ही दलित नेताओं ने अपने विरोध के सुर बुलंद करने शुरू कर दिए हैं. पिछले दिनों बहराइच की सांसद सावित्री बाई फुले ने एससी, एसटी एक्ट को लेकर अपनी ही सरकार को घेरा. इसके बाद बीजेपी के रॉबर्ट्सगंज से सांसद छोटेलाल का नाम भी इस लिस्ट में जुड़ गया. नगीना लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद डॉ. यशवंत सिंह ने भी पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा. इसी कड़ी में भाजपा सांसद उदित राज ने भी आरोप लगाया कि भारत बंद के दौरान हिंसक प्रदर्शन के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में उनके दलित समुदाय के सदस्यों को 'प्रताड़ित' किया जा रहा है.
उदित राज ने एक ट्वीट में कहा, '2 अप्रैल को हुए आंदोलन में हिस्सा लेने वाले दलितों पर अत्याचार की खबरें मिल रही है और यह रुकना चाहिए.' उन्होंने कहा ,‘‘ 2 अप्रैल के बाद दलितों को देशभर में प्रताड़ित किया जा रहा है , बाडमेर , जालौर , जयपुर , ग्वालियर , मेरठ , बुलंदशहर , करौली और अन्य स्थानों के लोगों के साथ ऐसा हो रहा है. न केवल आरक्षण विरोधी बल्कि पुलिस भी उन लोगों को पीट रही है. फर्जी मामले लगा रही है. ’’
नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली सीट से सांसद उदित राज ने कहा कि ग्वालियर में उनके द्वारा चलाये जा रहे दलित संगठन के एक कार्यकर्ता को प्रताड़ित किया गया. आपको बता दें कि अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम को कथित रूप से कमजोर किये जाने के खिलाफ 2 अप्रैल को किये गये भारत बंद के दौरान हुए हिंसक प्रदर्शन में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गये थे.
यशवंत सिंह ने लिखा पीएम मोदी को पत्र
इससे पहले नगीना लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद डॉ. यशवंत सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दलितों की अनदेखी का आरोप लगाया था. उन्होंने पत्र में कहा कि कोर्ट में हमारे समाज का कोई प्रतिनिधि नहीं है, इसी वजह से अदालतें हमारे खिलाफ नए-नए फैसले देकर दलितों के अधिकारों को खत्म कर रही हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री से दलितों के लिए आरक्षण बिल पास कराने की मांग की. उन्होंने पत्र में लिखा कि 'जब सांसद चुनकर आया था तब मैंने आपसे मिलकर प्रमोशन में आरक्षण के लिए बिल पास कराने का अनुरोध किया था. संगठन के लोग भी यही चाहते हैं, लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी इस देश में करीब 30 करोड़ दलितों के लिए कोई बिल पेश नहीं हुआ.'
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में बीजेपी के दलित सांसद तक अपने समाज की रोज-रोज की प्रताड़ना का शिकार हैं. दलित समाज के हितों का ध्यान रखते हुए आरक्षण बिल पास कराइएं और इसे प्राइवेट क्षेत्र में भी आरक्षण लागू करें.
छोटेलाल भी उठा चुके हैं दलित उत्पीड़न का मुद्दा
इससे पहले बीजेपी के रॉबर्ट्सगंज सांसद छोटेलाल ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर कहा था कि सपा सरकार के दौरान जब गुंडा राज चल रहा था, तब उन्होंने अपने भाई और आदिवासी दलित नेता जवाहर खरवार को चंदौली में नौगड़ ब्लॉक का प्रमुख पद जिताया. बीजेपी की यह अकेली जीत थी, लेकिन आज अपनी ही सरकार में उनके भाई को ब्लॉक प्रमुख पद से हटाने की साजिश हो रही है. इसमें बीजेपी के ही नेताओं के सहयोग से बसपा ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है. उन्होंने कहा कि ये मसला दो महीने पूर्व का है. 9 मार्च को चुनाव हुआ और भूमाफिया, गुंडे की पत्नी को ब्लॉक प्रमुख के पद पर बिठा दिया गया.
सांसद ने आरोप लगाया कि दोष सिर्फ इतना था कि उन्होंने सामन्य सीट पर दलित को प्रमुख बनाया. इस संबंध में वह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेंद्र नाथ पांडेय से भी मिले, जो चंदौली से सांसद हैं. दो बार संगठन महामंत्री सुनील बंसल से भी मिले. यही नहीं वह क्षेत्रीय अध्यक्ष से लेकर जिला अध्यक्ष तक से गुहार लगाई. प्रभारी मंत्री से मिले, लेकिन किसी ने कोई मदद नहीं की.
सावित्री बाई ने भी फूंका विरोध का बिगुल
वहीं 1 अप्रैल को बहराइच सांसद सावित्री बाई फुले ने लखनऊ में एक विशाल रैली कर अपने तेवर साफ कर दिए. उन्होंने कहा अगर आरक्षण से छेड़छाड़ हुई तो वह बर्दाश्त नहीं करेंगी. उन्होंने कहा था कि अगर आरक्षण ख़त्म हुआ तो कोई दलित विधायक और सांसद नहीं बन सकेगा.