कर्नाटक के रण में विजय के लिए राहुल ने फिर शुरू किया 'टेंपल रन'
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार सुबह मैसूर पहुंचे और बिना समय गंवाए वो चामुंडी पहाड़ियों पर स्थित चामुंडेश्वरी मंदिर के दर्शन के लिए निकल गए. दक्षिण कर्नाटक का उनका दो दिन के इस दौरे की शुरुआत चामुंडेश्वरी देवी या भुवनेश्वरी देवी के दर्शन से हुई. चामुंडेश्वरी देवी को 'मैसूर राज घराने की देवी' और 'कन्नड़ के गौरव' के रूप में माना जाता है.
सिर्फ चार दिन पहले राहुल गांधी ने कर्नाटक के तटीय इलाकों उडुपी और मंगलौर का दौरा किया था. उस समय वो मंगलौर में गोरखनाथ मंदिर, सेंट रोज़ैरियो चर्च व उलाल दरगाह भी गए थे. उसके बाद अगले दिन वो आदि शंकराचार्य द्वारा करीब 1300 साल पहले स्थापित श्रृंगेरी शारदा पीठ भी गए. यह शंकराचार्य द्वारा स्थापित पहला पीठ था
गांधी परिवार का इस मंदिर से पुराना संबंध है. इंदिरा गांधी और राजीव गांधी भी श्रृंगेरी मठ के उपासक थे. दोनों ने साथ में इस मठ का दौरा दर्जनों बार किया था. यह दौरा राहुल गांधी के लिए व्यक्तिगत दौरे की तरह था. उन्होंने वहां के पुजारी श्री भारती तीर्थ स्वामी से करीब 30 मिनट तक बात की. वो करीब 1 घंटे तक वहां रुके रहे.
हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र के दौरे के समय वो बेल्लारी के हुलीगेम्मा मंदिर, कोप्पल के गवि सिद्धेश्वर मठ व गुलबर्गा के लिंगायत संत डॉ. शरणबसप्पा अप्पा के पास भी गए. इसके अलावा वो गुलबर्गा में ख्वाजा बड़े नवाज़ दरगाह और लिंगायत धर्म के संस्थापक द्वारा बीदर के निकट बासव कल्यान में स्थापित 'अनुभव तप' भी गए.
इसके दो हफ्ते बाद ही वो लिंगायतों के बाहुल्य वाले मुंबई-कर्नाटक क्षेत्र में तीन दिन के दौरे पर रहे. वहां पर वो बेलगाम ज़िले के सवादत्ती में स्थित येलम्मा मंदिर भी गए. इसके बाद वो बागलकोट ज़िले के कुडलसंगमा और हुबली के मुरुस्साविरा मठ भी गए.
राहुल गांधी हुबली-धारवाड़ में 100 साल पुराने चर्च भी गए ताकि लोग ये न समझें कि वो सिर्फ हिंदू मंदिरों में ही जाते हैं. कर्नाटक के बीजेपी प्रमुख बीएस येदियुरप्पा ने राहुल गांधी का ये कहकर मज़ाक बनाया कि वो 'चुनाव के समय वाले हिंदू' हैं.
हालांकि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी ने हिंदुओं के लिए कुछ नहीं किया वो उन्हें सिर्फ चुनाव जीतने के लिए यूज़ करती है. गुजरात विधानसभा चुनावों के दौरान राहुल गांधी ने करीब 20 मंदिरों का दौरा किया था जिसको लेकर सोशल मीडिया पर काफी डिबेट भी हुई थी.
तो क्या राहुल गांधी का कर्नाटक में मंदिर का दर्शन उन्हें कोई लाभ पहुंचा पाएगा? ये तो केवल चुनाव परिणाम ही बताएगा.