ILFS मामले की आंच राज ठाकरे तक, जानें ED ने क्यों भेजा समन
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने IL&FS कर्ज संकट से जुड़े कोहिनूर बिल्डिंग मामले में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे को समन किया है. इससे महाराष्ट्र की राजनीति गरमा सकती है. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी के पुत्र उन्मेश जोशी को भी एजेंसी ने 19 अगस्त यानी सोमवार को पूछताछ के लिए समन भेजा है.सूत्रों ने आजतक-इंडिया टुडे को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने राज ठाकरे को 22 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया है. प्रवर्तन निदेशालय IL&FS मनी लॉड्रिंग मामले की जांच कर रही है, जिसमें कोहिनूर बिल्डिंग प्रोजेक्ट का मामला सामने आया है. सूत्रों का दावा है कि जांच के दौरान राज ठाकरे का नाम सामने आया है. वित्तीय जांच एजेंसी ने इस मामले में शामिल अन्य लोगों के बयान रिकॉर्ड किए हैं.सूत्रों के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय कोहिनूर बिल्डिंग में निवेश और शेयरहोल्डिंग की जांच कर रहा है. बताया जाता है कि इससे राज ठाकरे, राजन शिरोडकर और उन्मेश जोशी ने मिलकर 421 करोड़ रुपये का डील किया था. IL&FS घोटाले की जांच के दौरान यह सौदा जांच के घेरे में आ गया. आरोप है कि उन्मेष जोशी की कंपनी कोहिनूर सीटीएनएल के माध्यम से कोहिनूर मिल की जमीन खरीदी गई थी. इस पर कोहिनूर स्क्वायर नाम की बहुमंजिला इमारत बनाई गई. इसमें सरकारी क्षेत्र की कंपनी इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग ऐंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) के जरिए निवेश किया गया था.
अब प्रवर्तन निदेशालय IL&FS द्वारा कोहिनूर सीटीएनएल कंपनी को दिए कर्ज और इन्वेस्टमेंट की जांच कर रहा है. फिलहाल इस मामले में राज ठाकरे और उनकी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. इससे पहले मामले में ईडी कई लोगों के बयान दर्ज कर चुका है.
सूत्रों के अनुसार, IL&FS समूह ने कोहिनूर सीटीएनएल को 225 करोड़ रुपये का लोन दिया था, लेकिन IL&FS को इसमें से 135 करोड़ रुपये नहीं मिले हैं.