मध्य प्रदेश: OBC आरक्षण पर कमलनाथ सरकार की मुहर, उम्र सीमा पर लिया ये फैसला
मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने राज्य में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को मंजूरी दे दी है. अब इसे विधानसभा में पेश करने की तैयारी चल रही है ताकि इसे कानून का रूप दिया जा सके. राज्य में ओबीसी के लिए आरक्षण पहले 14 फीसदी था जो अब बढ़कर 27 फीसदी हो गया है. साथ ही राज्य में होने वाली सीधी भर्ती वाले पदों के लिए आयु सीमा बढ़ाकर 40 वर्ष कर दी गई है. सरकार ने इसे पहले हाई कोर्ट के आदेशानुसार उम्र सीमा को घटाकर सभी के लिए समान रूप से 35 वर्ष कर दी थी.
जन संपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने शुक्रवार को कमलनाथ कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि विधानसभा सत्र में सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए सरकारी नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए संशोधन विधेयक लाने के मसौदे को हरी झंडी दे दी है. अध्यादेश के जरिये इस प्रावधान को राज्य में पहले ही लागू किया जा चुका है.
पीसी शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट ने इस प्रावधान को लेकर कोई निर्देश नहीं दिया है, लेकिन विपक्ष ने इसे लेकर भ्रम फैला रखा है. विपक्ष के लोग हाईकोर्ट में याचिका लगाने की कोशिश कर रहे हैं. खुली भर्ती के माध्यम से भरे जाने वाले राजपत्रित/कार्यपालिक पदों के लिए आवेदकों के लिए अधिकतम आयु सीमा 35 साल को 40 साल कर दिया है.
राज्य के अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, शासकीय, निगम, मंडल, स्वशासी संस्थाओं के कर्मचारी, नगर सैनिक, निशक्तजन और महिलाओं को पांच साल की छूट मिलेगी. इस फैसले पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है. एएनएम के दो हजार नए पद उप स्वास्थ्य केंद्रों के लिए स्वीकृत किए गए हैं.
मंत्री ने बताया कि यह नियुक्ति दो साल में चरणबद्ध तरीके से होगी. संविदा अमले को नियुक्ति में तीस अंकों का बोनस दिया जाएगा. कांग्रेस के वचन पत्र में संविदाकर्मियों को नहीं हटाने का वादा किया था. नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में सेवानिवृत्त आईएएस अफसर विनोद सेमवाल, सीबी सिंह, अरुण कोचर और अब्दुल जब्बार को संविदा नियुक्ति बतौर सदस्य देने का निर्णय लिया गया.
कैबिनेट ने तय किया है कि छात्रों को इस बार स्कूल यूनीफार्म की जगह नकद राशि दी जाएगी. यह राशि स्कूल प्रबंधन समिति के माध्यम से सीधे छात्रों पालकों के खातों में जमा कराई जाएगी. दो यूनीफार्म के लिए 400 की जगह 600 रुपये दिए जाएंगे. जल उपभोक्ता समिति के निर्वाचित संचालकों का कार्यकाल छह महीने बढ़ाया जा सकता है. अनुसूचित जनजाति के छठवीं-आठवीं के छात्रों के लिए 9 नये हॉस्टल बनाए जाएंगे. इसके लिए 258 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं.