दूध में शक्कर की तरह हर जगह एडजेस्ट होने की कला है भारतीयों में: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारतवंशी अपनी परिवार परंपरा से जहां काम करते हैं वहां निष्ठा का भाव रखते हैं। यही कारण है कि वे हर जगह एडजेस्ट हो जाते हैं। एडजेस्ट भी ऐसे जैसे दूध में शक्कर मिल जाती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव चार दिवसीय जापान यात्रा के दूसरे दिन जापान में भारतवंशियों "फ्रैन्ड्स ऑफ एम.पी." को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में पर्यटन, ऑटो मोबाइल, टायर मेन्यूफैक्चरिंग एवं रेडिमेड गारमेंट के क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं। इस अवसर पर जापान में भारत के राजदूत सी.व्ही. जार्ज, एसीएस मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्धन श्री राघवेन्द्र कुमार सिंह भी उपस्थित थे।

एक होते हैं सगे, एक होते हैं संबंधी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम भारतवंशी ही सगे संबंधियों को समझ सकते हैं। विदेश प्रवास के दौरान भी आप लोगों को सामने देखकर ऐसा लगता है जैसे हम सगे-संबंधियों के बीच आ गए हैं। हमारे देश में कोई भी उत्सव या समारोह तब तक पूरा नहीं हो सकता जब तक उस समारोह में सगे- संबंधियों की उपस्थित न हो। मैं आपको म.प्र. में फरवरी में होने जा रहे औद्योगिक निवेश के भव्य समारोह जीआईएस के लिये आमंत्रित करने आया हूँ। विदेश में अनजान चेहरों के बीच जब हमवतन दिखाई देते हैं तो भारतीयता की विशेष अनुभूति होती है।

प्राणियों में सद्भाव और विश्व का कल्याण हमारी संस्कृति

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हम "धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भाव हो और विश्व का कल्याण हो" की भावना को सर्वोपरि रखकर काम करते हैं और यही वजह है कि हिन्दुस्तानी आपको हर देश में हर काम को निष्ठा के साथ करता हुआ मिल जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने इकबाल के शेर का जिक्र भी किया कि "कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी"... हम हर कठिनाई, हर चुनौती को मात देकर आगे बढ़ पाते हैं, यह हमारी विशेषता है।

हम आगे बढ़ना चाहते हैं

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी संस्कृति रही है कि कभी हमने आक्रमण नहीं किया, कभी किसी की भूमि पर कब्जा नहीं किया। हम आगे बढ़ना चाहते हैं। हमें विश्व गुरू के मार्ग पर आगे चलना है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने विकास के नए आयामों को छुआ है। मैं कह सकता हूँ कि नेता तो पहले भी आते जाते रहे होंगे परंतु लोगों के मन में प्रधानमंत्री श्री मोदी के आगमन और विदेशी मंच पर उनके सम्मान को देखते हुए जिस विश्वास और दृढ़ता का भाव पैदा होता है, उस भाव से मन में गर्व की अनुभूति होती है।