MP में कर्मचारियों का बड़ा नुकसान, 7 वें वेतनमान के ये लाभ खा गई सरकार

भोपाल. मध्य प्रदेश में 6वें और 7वें वेतनमान में कर्मचारियों को बडा नुकसान हुआ है। राज्य सरकार ने कई लाभ तो दिए ही नहीं। मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड ने अपने कार्मिकों को 7वां वेतनमान जनवरी 2016 से दिया है जिसका आदेश 29 दिसंबर 2017 को जारी किया। इसके अंतर्गत फ्रिंज बेनिफिट भी देय है पर कर्मचारियों को कुछ नहीं दिया गया। इतना ही नहीं जून माह में सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों को भी बिना वेतन वृद्धि के रिटायर किया जा रहा है। अब इस संबंध में विद्युत मंडल कर्मचारी यूनियन आगे आई है। यूनियन ने मुख्य अभियंता मानव संसाधन से लेकर प्रशासन जबलपुर मुख्यालय तक को भी इस संबंध में पत्र लिखे है।
विद्युत मंडल कर्मचारी यूनियन के क्षेत्रीय महामंत्री अंबादास सूने ने बताया कि यूनियन पिछले 4-5 वर्षों से जून माह में सेवानिवृत्त हुए सभी केडर के कार्मिकों को एक वेतन वृद्धि का लाभ देकर सेवानिवृत्त करने की मांग करती रही है। इसकी गणना आकस्मिक निधन के लिए भी की जाना चाहिए। वेतन वृद्धि के लिए यूनियन लगातार पत्राचार कर रही है।
7 वें वेतनमान के लिए दिनांक 29 दिसम्बर 2017 के आदेश की कंडिका 20 में स्पष्ट है कि जनहित में उपबंध शिथिल कर सकते हैं। मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड ने अपने अधिकारी और कर्मचारियों को 6 वां और 7 वां वेतनमान दिया, परंतु फ्रिंज बेनिफिट के नाम पर कुछ नहीं दे रही। विद्युत मंडल कर्मचारी यूनियन ने मांग की है कि ऐसे सभी नियमित कार्मिकों को जो जून 2016 के बाद जून माह में सेवानिवृत्त हुए हैं, उन्हें एक वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए। महामंत्री अंबादास सूने ने कार्मिकों के हित में सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आग्रह किया है।